Mohan Bhagwat Kolkata Visit

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी पर की शस्त्र पूजा, बोले- विभाजन का दर्द अब तक नहीं गया

देश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस के 96वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को नागपुर में शस्त्र पूजा की और स्वयं सेवकों को संबोधित किया।

देश के विभाजन की टीस खत्म नहीं हुई है

विजयदशमी के मौके पर संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘हम लोगों के मन से आज भी देश के विभाजन की टीस खत्म नहीं हुई है। उस दुखद इतिहास के बारे में हमें जानना होगा। जिसके चलते देश का विभाजन हुआ है, उसे दोहराया नहीं जाना चाहिए। इसलिए हमें पुराने इतिहास को जानना चाहिए ताकि खोये हुए लोगों को वापस गले लगा सकें।

 

ऐसी अखंडता की पहली शर्त रहती है कि भेद रहित और समता निहित समाज। इन्हीं कमियों के चलते कुछ बर्बर विदेशी आए और हमें पदाक्रांत करके चले गए। यह हमारी कमी से ही हुआ है।’

देश में हिंदुओं को बांटने के प्रयास चल रहे हैं

इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि आज भी देश में हिंदुओं को बांटने के प्रयास चल रहे हैं और ऐसे लोगों ने गठबंधन भी बना लिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को कटा-बंटा रखने के लिए बहुत प्रयास चल रहे हैं। इसलिए भारत और उससे जुड़ी चीजों की निंदा करने के प्रयास चल रहे हैं।

 

इतने प्राचीन जीवन से दुनिया देख रही है कि कैसे यह पतन से और टूटने से बचाता है। लेकिन इस पर भारत में ही हमला करने की कोशिशें होती हैं। भारत में इस भय से ये हमले चल रहे हैं कि यदि ये मजबूत हुआ तो हम नहीं चल पाएंगे। ऐसे लोगों ने गठबंधन बना लिया है।

 

ड्रग्स पर भी बोले मोहन भागवत

 

मोहन भागवत ने इस मौके पर ड्रग्स को लेकर भी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थ आते हैं, उनकी आदतें लोगों में बढ़ रही हैं। उच्च स्तर से लेकर समाज के आखिर व्यक्ति तक व्यसन पहुंच रहा है। हमें पता है कि इस नशे का पैसा कहां जा रहा है।

 

इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस पर किसका नियंत्रण है, मुझे पता नहीं है। इस पर शासन को नियंत्रण करना होगा और वह उसका प्रयास भी कर रहा है। लेकिन हमें अपने स्तर पर इससे लड़ने के लिए तैयार होना होगा।

 

‘जनसंख्या नियंत्रण पर फिर किया जाना चाहिए विचार’

 

मोहन भागवत ने कहा, ‘जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए, जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है।

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