सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉ. सिंधुताई सपकाल का 73 साल की उम्र में निधन हो गया।सिंधुताई सपकाल ने अपना पूरा जीवन अनाथ बच्चों की जिंदगी संवारने में लगा दिया।
सिंधुताई 1400 से ज्यादा बच्चों की मां और एक हज़ार से अधिक की दादी थीं। 73 साल की सिंधुताई को लोग प्यार से ‘अनाथों की मां’ कहते थे।
सिंधुताई का जीवन सेवा की प्रेरक गाथा – राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ. सिंधुताई सपकाल के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि सिंधुताई का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की प्रेरक गाथा था। वह अनाथों, आदिवासियों और हाशिए के लोगों से प्यार करती थीं और उनकी सेवा करती थीं। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
सिंधुताई के निधन से आहत हूं – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. सिंधुताई सपकाल के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए उनकी नेक सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हाशिए के समुदायों के बीच भी बहुत काम किया। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।