- दोनों पक्षों को मिलकर कूटनीतिक तरीके से समाधान निकालना चाहिए – UNSC में भारत
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। यूक्रेन के कुछ हिस्सों में धमाके भी हुए हैं। हालांकि, यूक्रेन ने कहा है कि रूस ने उन पर अभी तक हमला नहीं किया है। इस बीच अमेरिका समेत तमाम यूरोपिए देश युद्ध के खतरे को टालने की कोशिश में लगे हैं।
भारत ने भी पूरे मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। यूक्रेन के ताजा संकट पर भारत ने अपना स्टैंड दोहराते हुए कहा कि दोनों पक्षों को मिलकर कूटनीतिक तरीके से समाधान निकालना चाहिए।
भारत ने मंगलवार को UNSC में जोर देकर कहा कि युद्ध की आशंका के बीच यूक्रेन में छात्रों सहित 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत के इस बयान के बाद संभावना बनी है कि यूक्रेन मामले में भारत पिछली बार जैसा ही वोटिंग में खुद को अलग रखे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, हम यूक्रेन संबंधी घटनाक्रम और रूस द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा पर नजर रखे हुए हैं।
इससे पहले भी भारत ने रूस-यूक्रेन विवाद पर अपना मत जाहिर करते हुए कहा था कि दोनों पक्ष शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक दूसरे की मदद करें। भारत ने कहा था कि नागरिकों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।
पुतिन ने अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को दी मान्यता
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।
