प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत नेवी को सौंपा। इस मौके पर PM मोदी ने नेवी के नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन मौजूद थे। आईएनएस विक्रांत पर विमान उतरने का परीक्षण नवंबर में शुरू होगा, जो 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा। 31 जनवरी 1997 को नेवी से INS विक्रांत को रिटायर कर दिया गया अब तकरीबन 25 साल बाद एक बार फिर से INS विक्रांत का पुनर्जन्म हो रहा ह।
इस पोत का नाम ‘आईएनएस विक्रांत’ भारतीय नौसेना के पूर्ववर्ती पोत विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। इस पोत का डिजाइन नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है। वहीं निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। इस पोत पर आसानी से 30 विमानों का संचालन किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले-केरल के समुद्र तटों से आज हर भारतीय एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। यह समारोह वैश्विक क्षितिज पर भारत के मनोबल को मजबूत करने का आह्वान है। विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। INS विक्रांत पर हो रहा ये आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।