ओसाका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया के साथ रिश्तों की बात आती है तो जापान का महत्वपूर्ण स्थान है। वह यहां जी-20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जब अपना भाषण समाप्त किया तो लोगों ने जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाए। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘न्यू इंडिया की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिला यह जनादेश पूरे विश्व के साथ हमारे संबंधों को भी नई ऊर्जा देगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के जिस मंत्र पर हम चल रहे हैं, वह भारत पर दुनिया के विश्वास को भी मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के साथ भारत के रिश्ते आज के नहीं हैं, बल्कि सदियों पुरानी हैं। इनकी जड़ में आत्मीयता, सद्भावना और एक दूसरे की संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान है। जापान के लोगों के साथ संबंधों की बात करते हुए मोदी ने कहा, “ हमारी बोलचाल के भी कुछ सूत्र भी हमें जोड़ते हैं जिसे भारत में ‘ध्यान’ कहा जाता है, उसे जापान में जेन कहा जाता है और जिसे भारत में ‘सेवा’ कहा जाता है, उसे जापान में भी ‘सेवा’ कहा जाता है। ”
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हम कार बनाने में सहयोग कर रहे थे और आज हम बुलेट ट्रेन बनाने में सहयोग कर रहे हैं। ” आज भारत का ऐसा कोई भाग नहीं है, जहां जापान की परियोजना या निवेश ने अपनी छाप नहीं छोड़ी हो। इसी तरह भारत की प्रतिभा और मानव संसाधन जापान को मजबूत करने में योगदान दे रहा है।
