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योग-श्रीमद्भागवत कथा का प्रथम आमंत्रण गौड़ीय मिशन के संत ऋषिकेश को

सामाजिक

सनलाइट, कोलकाता। सत्संग में संत को आमंत्रित करना ही ईश्वर को आमंत्रित करना होता हैं। गौड़ीय मिशन के ऋषिकेश जी महाराज ने कहा कि आप जब भी किसी संत को सत्संग का आमंत्रण देते हो तो संत उस आमंत्रण पत्र को भगवान के चरणों में चढ़ा देते हैं और इस प्रकार भगवान् स्वयं आमंत्रित हो कर उस सत्संग में उपस्थित होते हैं।

श्री कृष्ण योग ट्रस्ट द्वारा 25 जुलाई से सत्संग भवन में आयोजित योग और श्रीमद्भागवत कथा के संयुक्त आयोजन का प्रथम आमंत्रण स्वीकार करते हुए ऋषिकेश जी महाराज ने कहा कि यह तो सिर्फ भाव कि बात है जो आपने इस भगवतकार्य में आमंत्रित करने का कार्य एक संत को आमंत्रित कर प्रारम्भ किया, ज्ञातव्य है कि श्री कृष्ण योग ट्रस्ट द्वारा विगत वर्ष आयोजित प्रथम संयुक्त आयोजन का शुभारम्भ भी ऋषिकेश जी महाराज ने किया था।

महाराज जी को आमंत्रण देने में कोलकाता पुष्करणा समाज के अध्यक्ष और इस आयोजन के सह आयोजक सुशिल कुमार पुरोहित, योगाचार्य राजेश व्यास, डा राकेश व्यास, मयंक व्यास आदि उपस्थित थे।

आयोजन समिति के संयोजक मुकेश व्यास ने बताया कि अगले 7 दिनों में आयोजन हेतु आमंत्रित करने का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा और इसके बाद इस ऐतिहासिक आयोजन का प्रचार प्रसार किया जायेगा जिसकी तैयारियां भी कर ली गई है।

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