Adani Group को लेकर हंगामा जारी है। अडाणी ग्रुप के शेयर्स में भारी गिरावट हो रही है जिसका कारण है Hindenburg की एक रिपोर्ट। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये Hindenburg है क्या? Hindenburg ने Adani Group को लेकर क्या रिपोर्ट जारी की है जिसके कारण Adani Group के शेयर के दाम गिरने लगे। तो सबसे पहले यह जानते हैं कि Hindenburg रिसर्च है क्या? Hindenburg दावा करती है कि वो फोरेंसिक फिनेंशियल रिसर्च में एक्सपर्ट है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार वो शेयर मार्केट, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर विश्लेषण करती है। इसके जरिए Hindenburg कंपनी ये पता करती है कि शेयर बाजार में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा-फेरी हो रही है। Nathan Anderson इसके CFA हैं। उन्होंने 2017 में न्यूयॉर्क में इस फर्म की शुरुआत की थी।
कंपनी की प्रोफाइल के मुताबीक यह कंपनी एक शार्ट सेलर है
कंपनी की प्रोफाइल के मुताबीक यह कंपनी एक शार्ट सेलर है। अब सवाल उठता है कि ये शार्ट सेलर क्या है ? शार्ट सेलर जानने के लिए आपको जानना होगा शॉर्ट सेलिंग क्या है? आसान शब्दों में कहें तो शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है जिसमे स्टॉक में गिरावट के बारे में अनुमान लगाया जाता है और उस पर दांव लगाया जाता है। शॉर्ट सेलिंग में, व्यापारी आमतौर पर उन शेयर्स का मालिक नहीं होता है जो वह बेचता है, लेकिन सिर्फ उन्हें उधार लेता है। जब शेयरों की कीमत अपेक्षित स्तर तक गिरती है, तो व्यापारी शेयरों को कम कीमत पर खरीदेगा और उन्हें ओनर को वापस कर देगा और इस प्रक्रिया में फायदा कमाएगा। हालांकि, अगर शेयरों की कीमत गिरने के बजाय बढ़ती है, तो व्यापारी को ओनर को वापस लौटाने के लिए हाई प्राइस पर शेयर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे उसे नुकसान होगा। जो यह काम करते है उन्हें ही शार्ट सेलर कहा जाता है।
Hindenburg की रिपोर्ट के कारण पहले भी गिरे है कई कंपनियों के शेयर के दाम
यह पहला मौका नहीं है कि Hindenburg की रिपोर्ट के कारण किसी कंपनी के शेयर के दाम गिर गए हो। 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली अमेरिकी कंपनी निकोला के शेयरों की कीमत तेजी से बढ़ रही थी। तभी सितंबर महीने में निकोला कंपनी को लेकर हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद इस कंपनी के शेयर 80% तक टूट गए थे। ऐसे ही Hindenburg ने कई कंपनियों को लेकर रिपोर्ट जारी कर चुकी है।
Hindenburg की रिपोर्ट जिसने Adani group को दिया झटका
अब बात करें Hindenburg की उस रिपोर्ट की जिसने Adani group को झटका दिया। Hindenburg रिसर्च ने अपनी दो साल की गई जांच के आधार पर आरोप लगाया है कि 218 बिलियन अमेरिकी डॉलर वाला Adani group स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में शामिल है। इसके अलावा कहा गया कि अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति को फेस वैल्यू के साथ देखेंगे तो पाएंगे कि इसकी 7 प्रमुख कंपनियां 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूड हैं।’ अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर क्या कहा है? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडाणी ग्रुप ने भारी नुकसान को देखते हुए अपनी ओर से सफाई दी है। अडाणी ग्रुप ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट गलत सूचनाओं और फैक्ट्स के आधार पर तैयार की गई है। ऐसे में हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जो अडानी 2 नंबर पर थे, वह कुछ ही दिनों में खिसककर 21वें पायदान पर पहुंच गए। अडानी समूह का एयरपोर्ट, पावर प्लांट से लेकर बंदरगाहों में निवेश है।
Adani Group को SBI ने दिया कितना लोन? चेयरमैन ने खुद कर दिया खुलासा
बैंकिंग सेक्टरों में भी खतरे की आशंका जताई जा रही है। इन आशंकाओं के बीच आरबीआई, एसबीआई समेत कई बैंकों और अन्य कंपनियों ने अलग अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कहा कि अडानी ग्रुप पर एसबीआई का 27000 करोड़ रुपये का कर्ज है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है। अडानी समूह के शेयरों में गिरावट का दौर जारी रहने से पैदा हुई अनिश्चितता के बीच एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने इस समूह को कोई भी कर्ज शेयरों के एवज में नहीं दिया है।