सनलाइट, कोलकाता। होली में अब कुछ ही दिनों का समय बचा है और लोग रंगों के त्यौहार की फुहारों में बहने लगे हैं। बच्चों से वृद्ध तक महिलाएं पुरूष सभी होली की उमंग में सरोबार हो गए हैं। होली के रसिकों द्वारा जगह जगह प्रीति सम्मेलन और मिलन समारोह का आयोजन किया जा है। जहां त्यौहारी सीजन पर ठंडाई, मिठाई के अलावा अन्य खाद्य सामग्री की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है वहीं रंग, गुलाल, पगड़ी का बाजार भी गुलजार है।
होली में धमाल मचा रहा रसिया एसएमपी

होली के त्यौहार पर जब तक चंग और धमाल की गूंज न सुनाई दे तब तक रंगों का यह पर्व अधूरा सा लगता है। हजारों किलोमीटर दूर रहते हुए भी इस कला और परम्परा से जुड़ा हुआ है कोलकाता का रसिया एसएमपी ग्रुप।
पिछले दस साल में रोटरी सदन, जैन भवन, महासभा क्लब टाउन जैसी जगहों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके इस समूह के ज्यादातर सदस्य 25 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की उम्र के हैं। इसके अलावा तीन चार सदस्य जहां 20 से भी कम उम्र के है वहीं 55 वर्ष के भी कुछ सदस्य शामिल है।
समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हावड़ा निवासी मनोज बोहरा ने बताया कि 2013 में स्थापित हमारे ग्रुप द्वारा वसन्त पंचमी के दिन से शुरू हुआ गीत संगीत का सफर होलिका दहन वाले दिन तक जारी रहता है। इस दौरान राजस्थानी लोक गीतों के साथ फिल्मी तर्ज पर नए नए गीत भी गाये जाते हैं।
बाबूलाल दुगड़ ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम केवल शौक पुरे करने के लिए नहीं बल्कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के लिए किये जाते हैं। राकेश सिंघी ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियां इस कला और संस्कृति से दूर न हो इसके लिए इस तरह के आयोजन बहुत जरुरी हैं।
