Surendra Pratap Singh – पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज ने हिंदी पत्रकारिता में इतिहास रचनेवाले सुरेन्द्र प्रताप सिंह की 75वीं जयंती मनायी।
Surendra Pratap Singh
राजस्थान सूचना केन्द्र में “सुरेन्द्र प्रताप सिंह का महत्व” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष फैयाज अहमद खान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राज मिठौलिया ने कहा कि “धर्मयुग “से आने के बाद Surendra Pratap Singh की टीम में सुदीप,मणि मधुकर,उदयन शर्मा शामिल थे। वे लीक से हटकर पत्रकारिता करनेवाले संपादक थे।
“रविवार “में सत्ता की खामियों को वे प्रकाशित करते थे। कोलकाता अपने नायक को याद करता है जबकि दिल्ली भूल गयी है।
राजस्थान पत्रिका कोलकाता के संपादक विनीत शर्मा ने कहा कि सुरेन्द्र प्रताप सिंह की पत्रकारिता पर बोलना सूरज को दीया दिखाना है। आज सच की व्याख्या की जा रही है जबकि वे सच को दिखाते थे।उनकी जगह आज तक कोई नहीं ले सका है।
पत्रकार और कथाकार अनवर हुसैन ने कहा कि वे रिपोर्टर को पूरा महत्व देते थे। राजस्थान सूचना केन्द्र के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने राजस्थानी डिंगल कविता में सुरेन्द्र प्रताप सिंह के महत्व को बताते हुए श्रद्धांजलि दी।
कवि और पत्रकार शिव शारदा, पत्रकार विमल शर्मा और नाट्य निर्देशक केशव भट्टड़ ने सुरेन्द्र प्रताप सिंह के महत्व को याद किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष फैयाज अहमद खान ने कहा कि सुरेन्द्र प्रताप सिंह गाजीपुर के धरतीपुत्र थे। सुरेन्द्र प्रताप सिंह डरते नहीं थे,लालच नहीं था।
अशोक सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया और संयोजक राजीव पांडेय ने आभार व्यक्त किया।
