RG Kar मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या की घटना ने देशभर के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है।
RG Kar
कोलकाता में लोग इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन करने आधी रात को सड़कों पर उतरे, लेकिन प्रदर्शन के बीच स्थिति तब काफी खराब हो गई जब लोगों ने बैरिकेडिंग तोड़कर तांडव मचा दिया।
सैकड़ों की संख्या में लोग RG Kar में तोड़फोड़ मचाने लगे और लोगों ने डॉक्टरों को भी पीटा। इस दौरान अस्पताल के अंदर मौजूद डॉक्टर और स्टूडेंट्स मदद की गुहार लगाते रहे
करीब 1 घंटे तक अस्पताल परिसर में असामाजिक तत्वों ने उत्पात मचाया। एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया।
हमलावरों द्वारा फेंकी गई ईंटों से कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। लेकिन उन पर हमला किसने किया? गुरुवार की सुबह तक यह स्पष्ट नहीं था।
दावा किया कि कई हमलावर मार्च में थे। वहां से वे RG Kar में दाखिल हुए। फिर अस्पताल में तोड़फोड़ की गई। कई लोगों का मानना है कि हमलावर आसपास ही रहते हैं।
पुलिस का एक वर्ग यह भी मानता है कि तांडव फैलाने वालों में दमदम, टाला, सिंथी और दक्षिणदाडी इलाके के कुछ लोगों भी थे।
घटना के बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-दूसरे पर उंगली उठानी शुरू कर दी है। सत्ताधारी खेमे के कुछ लोगों का मानना है कि रात में कार्यक्रम के बीच हुए हमले के पीछे सीपीएम-बीजेपी का हाथ हो सकता है।
दूसरी ओर, विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूरी घटना का ठीकरा सत्तारूढ़ तृणमूल के सिर पर फोड़ा। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी के गुंडों ने एक अराजनीतिक आंदोलन को दबाने के लिए यह अपराध किया है।
शुवेंदु ने यह भी दावा किया कि महिला डॉक्टर से रेप-हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है, इसलिए सबूत मिटाने के लिए इस तरह से हमला किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों का पहला निशाना RG Kar का एमरजेंसी विभाग था। किसी के हाथ में लाठी, किसी के हाथ में रॉड, ईंट, पत्थर! हमलावरों के हाथ जो भी लगा उसे तोड़ डाला।
RG Kar पर हमले की खबर मिलते ही पुलिस कमिश्नर मौके पर गए। इलाके का दौरा करते समय विनीत गोयल भी गुस्से में नजर आए।
उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों की रक्षा करते समय डीसी नॉर्थ गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने कहा, पुलिस ने आरजी कर घटना की जांच के लिए हर संभव कोशिश की है
उन्होंने कहा कि मैं ये बात जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं।इस जांच को पूरा करने के लिए मेरे सहयोगियों ने दिन-रात काम किया। उन्होंने साक्ष्य संकलन में कोई गलती नहीं की है।मुख्य आरोपी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि हमने परिवार के करीब रहने की कोशिश की। तरह-तरह की अफवाहें फैलाई गई हैं। सीपी ने यह भी टिप्पणी की कि गलत प्रचार के कारण कलकत्ता पुलिस का अपमान हो रहा है।