आरएसएस के प्रचारक धनप्रकाश का 103 वर्ष की आयु में निधन

राजस्थान

जयपुर। आरएसएस के वरिष्ठतम प्रचारक धनप्रकाश का शुक्रवार को शाम 4 बजे जयपुर में निधन हो गया। उन्होंने संघ कार्यालय भारती भवन में अंतिम सांस ली। इसी माह 10 जनवरी को धन प्रकाश का 103वां जन्मदिन मनाया गया था। इस दौरान संघ के सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने उनको माला पहनाकर व शॉल भेंटकर शुभकामना दी थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास में धनप्रकाश ऐसे पहले प्रचारक है, जिन्होंने इतना लम्बा जीवन जिया।

संघ कार्यालय प्रमुख सुदामा शर्मा के अनुसार धनप्रकाश स्वस्थ थे। शुक्रवार सुबह भी प्रतिदिन की तरह सुबह जल्दी उठे और अपने दैनिक कार्य सम्पन्न किए। स्नान पूजा करके दोपहर में भोजन किया था। धन प्रकाश का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 9.30 बजे किया जाएगा। इससे पहले उनकी पार्थिव देह भारती भवन पर दर्शनार्थ रखी जाएगा।

संक्षिप्त जीवन वृत्त

धनप्रकाश त्यागी का जन्म 10 जनवरी 1918 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला स्थित महेपुरा गांव में हुआ। 1942 में दिल्ली से संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग, 1943 में प्रथम वर्ष, 1944 में द्वितीय वर्ष तथा 47 में संघ शिक्षा का तृतीय वर्ष का प्रशिक्षण लिया था। केन्द्र सरकार में नौकरी त्याग कर अपना पूरा जीवन संघ को दे दिया। वर्ष 1943 में दिल्ली के संघ विस्तारक बने। सहारनपुर नगर, अलीगढ़ नगर, अम्बाला, हिसार, गुरुग्राम, शिमला एवं होशियारपुर में संघ के विभिन्न दायित्वों को निर्वाह किया। संघ पर लगे प्रथम प्रतिबन्ध के समय धनप्रकाश जेल में भी रहे।

1965 से 1971 तक जयपुर विभाग प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी रही। इसके बाद सेवा भारती, विद्याभारती की जिम्मेदारी भी उन पर रही। राजस्थान में भारतीय मजदूर संघ के विस्तार में धनप्रकाश की बड़ी भूमिका रही। कठिन चुनौतियों और प्रतिकूलताओं के बीच उन्होंने अपने जीवन का लंबा समय भामसं के काम को खड़ा करने और उसके दृढ़ीकरण में लगाया।

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