rahul gandhi defamation case

रेलवे के निजीकरण पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा- जनता करार जवाब देगी

देश

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेलवे के निजीकरण के फैसलों पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा है। राहुल ने कहा है कि रेल गरीबों की एकमात्र जीवनरेखा है, सरकार उसे भी छीनने में लगी है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि भले ही आज सरकार निजीकरण को बढ़ावा देते हुए गरीबों को छले लेकिन भूले नहीं कि जनता पूरा हिसाब करेगी।

रेल गरीबों की एकमात्र जीवनरेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है

 

राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि “रेल गरीबों की एकमात्र जीवनरेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है। जो छीनना है, छीनिये। लेकिन याद रहे- देश की जनता इसका करारा जवाब देगी।”

 

 दरअसल सरकार ने निजीकरण की दिशा में रेलवे काे लेकर बड़ा कदम बढ़ाते हुए 109 प्राइवेट ट्रेन के लिए प्राइवेट पार्टिसिपेशन को लेकर प्रपोजल मांगा है। इसी विषय को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला बोला है। वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य मॉडर्न टेक्नॉलजी को सामने लाने का है, जिससे मेंटिनेंस का बोझ कम हो। इससे ट्रांजिट टाइम में भी कमी आएगी। रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, सेफ्टी का भरोसा मजबूत होगा और यात्रियों को वर्ल्ड क्लास ट्रैवल का अनुभव होगा।

 

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि सभी ट्रेनें मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। जिन कंपनियों को मौका मिलेगा उन्हें वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदार संभालनी होगी।

 

 

उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए निजी कंपनियों से पार्टिसिपेशन की रिक्वेस्ट की है। यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश की पहली पहल है। इसके तहत पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है। इन्हीं 12 क्लस्टर में 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेनें चलेंगी। इन ट्रेनों का रोलिंग स्टॉक निजी कंपनी खरीदेगी और मेंटेनेंस भी उसी का होगा, रेलवे सिर्फ ड्राइवर और गार्ड देगा।

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