भगवान विशेश्वर नाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण के आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट फैसला सुना सकता है।
हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को मंदिर और मस्जिद पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद फैसले के लिए 9 सितंबर की तारीख नियत की।
मंदिर पक्षकारों का कहना है कि 1664 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर उसके अवशेषों पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण कराया था जिसकी वास्तविकता जानने के लिए मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराना जरूरी है। मंदिर पक्ष का दावा है की मस्जिद परिसर की खुदाई के बाद मंदिर के अवशेषों पर तामीर मस्जिद के सबूत अवश्य मिलेंगें। इस लिए एएसआई सर्वेक्षण किया जाना बेहद जरूरी है।
मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण से यह साफ हो सकेगा की मस्जिद जिस जगह तामीर हुई है वह जमीन मंदिर को तोड़कर बनाई गई है या नहीं।
मस्जिद पक्षकार के अधिवक्ता एस एफ ए नक़वी का कहना है की वाराणसी न्यायालय सिविल जज द्वारा 8 अप्रैल को पारित आदेश 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुले तौर पर उल्लंघन है