Aparajita Bill – अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक’ (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन विधेयक, 2024) आज बंगाल विधानसभा में पेश होगा।
Aparajita Bill
राज्य के कानून मंत्री मलय घटक मंगलवार को विधेयक पेश करेंगे। मंगलवार को विधानसभा में बिल पर चर्चा के बाद इसे पारित किया जायेगा।
आरजी कर कांड के बाद से राज्य के विभिन्न हलकों से महिला उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग उठ रही थी। सीएम ममता बनर्जी और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी सख्त कानून की मांग की थी।
Aparajita Bill – इसमें महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने, स्पीडी ट्रायल के लिए कई नियम जोड़े जा रहे हैं। समर्पित विशेष न्यायालय, समर्पित जांच दल, इस जांच टीम को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
- गंभीर अपराध के मामले में न्यूनतम सात दिनों के भीतर जांच पूरी की जानी चाहिए। पुराने कानून में एक महीने का समय जांच के लिए दिया गया था।
- जहां मूल अधिनियम में एक वर्ष के भीतर सजा का प्रावधान था, इसे एक माह के अंदर सुनिश्चित करने को कहा गया है।
- मूल अधिनियम में पुलिस स्टेशन को घटना दर्ज करने के दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का प्रावधान था। अब इस संशोधन में इसे 21 दिन के अंदर पूरा करना होगा।
- दुष्कर्म के किसी मामले में अगर 21 दिन के अंदर जांच पूरी नहीं होती है तो 15 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा।
- दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास और जुर्माना या मौत की सजा हो सकती है।
- सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जुर्माना और आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है।
- दुष्कर्म के आरोप के अलावा, यदि दुष्कर्मी के कारण लगी चोटों के कारण आरोपी की मृत्यु हो जाती है, तो आरोपी को मौत की सजा दी जाए और जुर्माना लगाया जायेगा, यदि पीड़िता कोमा में जाती है तो भी मौत की सजा और जुर्माना लगाया जाएगा सभी मामले गैर जमानती होंगे।
Aparajita Bill – महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी। यह टास्क फोर्स जिले दर जिले काम करेगी।इसका नेतृत्व डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे। महिला अधिकारियों को इस संबंध में प्राथमिकता दी जाएगी।
नए बिल में पीड़ित की पहचान उजागर होने पर 3 से 5 साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन यह मामला जमानती है। इस बिल पर मंगलवार को विधानसभा में चर्चा होगी।