सनलाइट, कोलकाता। उत्तर बंगाल की मशान चित्रकला को Bakul Bagan Sarbojanin ने अपने पंडाल में दिखाया है। वर्तमान में उत्तरबंगाल की राजबंशी मालाकार जाति ही इस चित्रकला की एकमात्र वाहक है।

Bakul Bagan Sarbojanin
अपना 97वां वर्ष मना रही समिति के असिस्टेंट सेक्रेटरी सुबीर दास ने बताया कि मशान एक फॉल्क आर्ट है जो तिब्बत में शुरू हुआ था फिर वहां से चाइना तक पहुंचा और फिर उत्तर बंगाल के राजवंशी सम्प्रदाय ने इसे अपनाया।
उन्होंने बताया कि मशान एक देवता है जिसे उत्तर बंगाल के राजवंशी लोग मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि मशान देवता की पूजा करने से उन्हें प्रसन्न करने से खुशियां आती है और नकारात्मकता का नाश होता है।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले इनका चित्रण रेशम के कपड़े पर किया जाता था फिर वुड कॉर्क पर बनाया जाने लगा।
उन्होंने बताया कि थीम अदिति चक्रवती ने बनाई और मूर्तिकार हैली गोस्वामी है और संगीत अर्नब ठाकुर चक्रवर्ती ने दिया है।