chandragrahan 2025

चंद्रग्रहण – इन बातों का रखे विशेष ध्यान

धर्म - कर्म

वर्ष 2019 का चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास है। यह ग्रहण आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। 16 जुलाई की मध्यरात्रि में खंडग्रास चंद्रग्रहण रात 1 बज कर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बज कर 31 मिनट तक रहेगा। सूतक 9 घंटे अर्थात 16 जुलाई की शाम 4 बज कर 31 मिनट से शुरू होगा। यह चंद्र ग्रहण पूरे भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा का योग पिछले वर्ष 27 जुलाई को खग्रास चंद्र ग्रहण हुआ था। इस बार गुरु पूर्णिमा पर होने वाले खंडग्राम ग्रहण-ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो 149 वर्ष पूर्व 1870 में 12 जुलाई को बना था। जब गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हुआ था। उस समय भी शनि, केतु, चंद्रमा धनु राशि में थे। सूर्य, राहू के साथ मिथुन राशि में था।

राशियों पर चंद्र ग्रहण का क्या पड़ेगा प्रभाव

मेष राशि- 16 जुलाई को लगने वाला ग्रहण इस राशि के लिए शुभ योग बना रहा है। इस राशि के लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान की प्राप्ति के योग बनते नजर आ रहे हैं।
वृषभ राशि- इस राशि के जातकों के लिए आने वाला समय कष्टदायी रह सकता है. सावधान रहकर काम करने की जरूरत है।
मिथुन राशि-यह समय मिथुन राशि के लोगों के लिए दुखद रह सकता है. उऩके काम समय पर पूरे होने में तकलीफे आ सकती हैं।

कर्क राशि-कर्क राशि के लिए यह समय उत्तम रहेगा. आपका हर काम जल्दी पूरा होगा और आशा के अनुरूप फल भी मिलेंगे, सुखद वातावरण रहेगा।
सिंह राशि-तनाव, कार्य में बाधाएं, अशांति हो सकती है। मन शांत रखें।
कन्या राशि-चिंताएं बढ़ सकती हैं. नौकरी में अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से मन उदास रहेगा। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।

तुला राशि- लाभदायक समय रहेगा, सोचे हुए काम समय पर पूरे कर पाएंगे। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
वृश्चिक राशि-आपके लिए सावधान रहने का समय है, थोड़ी लापरवाही भी बड़ी हानि करवा सकती है।
धनु राशि-सतर्कता रखनी होगी. कोई करीबी व्यक्ति धोखा दे सकता है. नौकरी में नुकसान होने के योग बन रहे हैं।

मकर राशि-आपको इस समय संघर्ष करना होगा। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
कुंभ राशि-इस राशि के लिए समय शुभ रहने वाला है। तरक्की मिल सकती है।
मीन राशि-आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है, इस यात्रा से लाभ मिलेगा, भविष्य को लेकर प्रसन्न रहेंगे।

चंद्रग्रहण पर सावधानियां

-ग्रहण के बाद स्नान करके भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाकर ही उनकी पूजा करें।
-चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद घर में शुद्धता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव जरूर करें।
– ग्रहण की अवधि में तेल लगाना भोजन करना, जल पीना, सोना, केश विन्यास करना, रति क्रीडा करना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़्ना, ताला खोलना, वर्जित किए गये हैं ।
– ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं, मल त्यागने से पेट में कृमि रोग होने की संभावना बढ़ती है। मालिश या उबटन भी नहीं करना चाहिए।

– भागवत में लिखा है कि सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करने वाला मनुष्य पेट के रोगों से परेशान रहता है।
ऐसे मनुष्य को आंख और दांत के रोग भी होते हैं।
– ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ना चाहिए।
– स्कंद पुराण के अनुसार ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से पुण्य नष्ट हो जाता है ।
– ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां

-ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें. निकलना अगर जरूरी हो तो गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा के लिए चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप अवश्य लगाकर निकलें।
-ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्री को कुछ भी कैंची, चाकू आदि से काटने को मना किया जाता है।
और किसी वस्त्र आदि को सिलने से मना किया जाता है ।

ग्रहण काल में क्या कर सकते हैं

1. ग्रहण लगने से पूर्व स्नान करके भगवान का पूजन, यज्ञ, जप करना चाहिए ।
2. चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्य ग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है।
3. ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवाना के नामों का जप जरूर करें।
4. ग्रहण समाप्त हो जाने पर स्नान करके श्रद्धा के अनुसार ब्राम्हण को दान देना चाहिए ।
5. ग्रहण के बाद पुराना पानी, अन्न नष्ट कर नया भोजन पकाया जाता है और ताजा जल भरना चाहिए।
6. ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चन्द्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुद्ध बिम्ब देखकर भोजन करना चाहिए।
7. ग्रहणकाल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि के लिए बाद में उसे धो देना चाहिए तथा खुद भी वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए।
8. ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र् दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।

ज्योतिषाचार्य डॉ राकेश व्यास

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