कोरोना की तीसरी लहर आने और उसमें बच्चों के गंभीर संक्रमण की चपेट में आने की आशंकाओं के बीच सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है।
सरकार ने बुधवार को बच्चों में कोरोना संक्रमण के मैनेजमेंट के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इनमें कहा गया है, ‘18 साल से कम उम्र के बच्चों में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावी आंकड़ों का अभाव है।’ डीजीएचएस ने कहा है कि
सीटी स्कैन (HRCT) का तय मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है। इलाज कर रहे डॉक्टरों को सलाह दी जाती है कि वो ज्यादा जरूरत पड़ने पर ही HRCT कराने की सलाह दें
एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर बच्चों पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। क्योंकि इसके लिए फिलहाल पर्याप्त जानकारी नहीं है और ये बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
जिन बच्चों में कोरोना के कम लक्षण हों, उनमें एंटी माइक्रोबियल का इस्तेमाल न किया जाए। हालांकि गंभीर मामलों में एंटी माइक्रोबियल रिकमेंड किया जा सकता है।
हल्के लक्षण वाले बच्चों के लिए 10-15एमजी पैरासिटामोल की डोज दी जा सकती है. जिसे बुखार और गले में दर्द होने की सूरत में हर 4-6 घंटे में लिया जा सकता है। कफ के लिए बड़े बच्चों को गुनगुने पानी से गरारे करने की सलाह दी जाती है।
12 साल की उम्र से अधिक के बच्चों के लिए 6 मिनट वॉक टेस्ट की सलाह दी जाती है। जिसे वो अपने पेरेंट्स या किसी बड़े की देखरेख में कर सकते हैं।
