नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कारोबारी जगत के प्रमुखों और कंपनी के प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस बातचीत में पीएम ने सोमवार को कहा कि वे अपनी फैक्ट्रियों में जरूरी सामानों का उत्पादन जारी रखें, ताकि कोरोना वायरस की महामारी से जारी इस जंग में जमाखोरी और कालाबाजारी न हो।
पीएम ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और प्रमुखों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में कहा कि अर्थव्यवस्था पर इस महामारी का असर पड़ेगा और इससे उबरने में पर्यटन, निर्माण तथा हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों को कुछ वक्त लगेगा।
उन्होंने उद्योग जगत से कर्मचारियों को घर से ही काम करने की मंजूरी देने और बिजनेस पर इस महामारी के नकारात्मक असर के बावजूद उनकी छंटनी नहीं करने को भी कहा है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि इस बातचीत के दौरान पीएम ने कहा कि ऐसे समय में जरूरी वस्तुओं का उत्पादन प्रभावित न हो। इसके लिए कालाबाजारी तथा जमाखोरी पर रोक लगना भी जरूरी है।
पीएम के साथ इस बातचीत में एसोचैम, फिक्की, सीआईआई और देशभर के 18 शहरों के स्थनीय उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार के संगठन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से राज्यों को 3 महीने के लिए उधारी पर गेहूं और चावल मिलेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था इसलिए की जा रही है, ताकि राज्यों को कोरोना वायरस से लड़ने में आर्थिक तंगी न हो।
अधिकारी ने कहा कि इस तरह का प्रस्ताव केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से आया था। इसे वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अपनी मंजूरी दे दी है।
