ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास
इस वर्ष पंच दिवसीय दीपावली पर्व के दौरान तिथियों में परिवर्तन का समय मध्याह्न एवं सायंकाल है। इसके अतिरिक्त 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण भी है। फलत: धनतेरस से लेकर भाईदूज तक के त्योहारों का निर्धारण धर्मशास्त्र के विशेष नियमों के माध्यम से हो रहा है। धर्मसिन्धु के अनुसार प्रदोषव्यापिनी कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनत्रयोदशी मनाई जाती है। इसमें प्रदोषकाल तीन मुहूर्त लिया जाता है।
धन त्रयोदशी
कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी दिनांक 22 अक्टूबर को 18:03 बजे से आरम्भ होकर 23 अक्टूबर को 18:03 बजे तक रहेगी। ऐसी स्थिति में 23 अक्टूबर को कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी अधिक समय तक प्रदोषव्यापिनी नहीं होगी। फलतः 22 को ही धनत्रयोदशी मनाना उचित रहेगा।
नरक चतुर्दशी
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर सायंकाल यम के निमित्त दीपदान किया जाता है। 23 अक्टूबर को 18:04 बजे कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी का आरम्भ होगा। इसलिए सायंकालीन दीपदान 23 को होगा।
दीपावली
प्रदोष व्यापिनी कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। 24 अक्टूबर को अमावस्या 17:28 बजे आरम्भ होगी और 25 अक्टूबर को 16:18 बजे तक रहेगी। इस प्रकार प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 24 अक्टूबर को होने से दीपावली 24 तारीख को ही मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा
सामान्यत: दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट पर्व मनाया जाता है परन्तु इस बार दीपावली के अगले दिन अर्थात् 25 को सूर्यग्रहण होगा। यदि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा में सूर्यास्त के समय चन्द्रदर्शन हो तो गोवर्धन पूजा प्रतिपदा के दिन ही करनी चाहिए।
यदि प्रतिपदा सूर्योदय के पश्चात् 9 मुहूर्त (7 घण्टे 12 मिनट) तक हो तो उसी दिन गोवर्धन पूजा मनाई जानी चाहिए, भले ही उस दिन वास्तविक चन्द्रदर्शन हो रहा हो परन्तु ‘स्थूल चन्द्रदर्शन’ का अभाव मानकर पर्व मनाया जाता है। यदि प्रतिपदा 9 मुहूर्त से कम हो तो उस दिन भले ही वास्तविक या सूक्ष्म चन्द्रदर्शन न हो। ‘स्थूल चन्द्रदर्शन मानकर गोवर्धन पूजा पहले दिन ही मनाना चाहिए अर्थात् अनायुक्त प्रतिपदा को ही मनाना चाहिए। 26 अक्टूबर को प्रतिपदा 14:42 बजे तक है, जो कि भारत के मध्य केन्द्र के सूर्योदय से 8 घंटे 41 मिनट तक है। इसलिए चन्द्रशूल न मानते हुए 26 को गोवर्धन पूजा मनाना सही होगा।
भाई दूज
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि 26 अक्टूबर की दोपहर 02:42 से 27 की दोपहर 12:45 तक रहेगी।इसलिए भाईदूज 27 को मनाई जाएगी।
दीपावली पूजन चौघड़िया मुहूर्त
अमृत – सर्वोत्तम – 05:37 से 07:03, 15:38 से 17: 04, 26:29 से 28:03
शुभ – उत्तम – 08:29 से 09:55, 24:55 से 26:29
लाभ – उन्नति – 14:12 से 15:38, 21:47 से 23:21
चर – सामान्य – 12:47 से 14:12, 17:04 से 18:38
दीपावली पूजन लग्न मुहूर्त
वृष लग्न – 18:21 से 20:17
मिथुन – 20:18 से 22:31
कर्क – 22:31 से 24:50 (त्याज्य)
सिंह – 24:51 से 27:01