दुर्गापूजा – भीड़ कही बन न जाए कोरोना का सुपर स्प्रेडर

कोलकाता

दुर्गापूजा में पंचमी से ही सुबह से देर रात तक सड़कों पर जनसैलाब देखने को मिल रहा है। पिछले साल की भयावह स्थिति को भुलाकर लोग आगे तो बढ़ रहे हैं पर इस बात को शायद भूल रहें है कि कोरोना खत्म नही हुआ है।

 

बढ़ती भीड़ से पूजा की रौनक जरूर लौटी है लेकिन कोरोना काल में मन रही दुर्गा पूजा में लोगों की लापरवाही एक भय पैदा कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा त्योहारी सीजन में सतर्कता बरतने की सलाह दिए जाने के बाद भी ज्यादातर लोग कोविड प्रोटोकॉल पालन नहीं करते हुए नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिग तो दूर की बात लोगों के मुंह पर से मास्क तक नदारद है।

 

ऐसे में दुर्गापूजा की भीड़ के कोरोना का सुपर स्प्रेडर बनने का डर सताने लगा है। यह डर सिर्फ भीड़ को देखकर ही नही हो रहा है उसका असली कारण दैनिक कोरोना के आंकड़ों में हो रही वृद्धि है।

 

अगर पिछले दिनों के कोरोना मामलों पर नजर डालें तो इसमें वृद्धि ही देखने को मिल रही है। 10 अक्टूबर को जारी कोरोना के आंकड़ों में राज्य में 24 घण्टे में 35398 जांच हुई जिसमें 760 मामले सामने आए। इसमें कोलकाता से 166 मामले थे। कोलकाता में यही आंकड़े 11 तारीख को 145 हो गए जबकि पूरे राज्य में 606 मामले थे इसका कारण काम जांच भी है जो कि 26118 हुई थी। 

 

12 अक्टूबर को राज्य में 768 मामलो में से कोलकाता में 180 मामले आए जबकि कुल जांच 30,018 ही हुई। आंकड़े भी बढ़ रहे हैं और भीड़ तो कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बेहिसाब पूजा पंडालों में देखने को मिल रही है।

 

इन सब के परे एक और चिंता यह है कि लोग बच्चों को लेकर पूजा पंडालों में जा रहे हैं जबकि बच्चों को वैक्सिन भी नही लगी है। 

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