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रोहिंग्याओं को बसाने को लेकर केंद्रीय मंत्री के बयान पर बवाल, गृह मंत्रालय ने दी सफाई

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देश में रोहिंग्याओं को बसाने को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी के एक ट्वीट से बवाल मच गया है। विपक्ष, बीजेपी, वीएचपी, सभी इस फैसले से नाराज है। पूरा मामला क्या है और इस विवाद की शुरुआत कहां से हुई यह जानते हैं।

हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट से हुई विवाद की शुरुआत

इस पूरे विवाद की शुरुआत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट से हुई। हरदीप पुरी ने ट्वीट कर कहा कि भारत हमेशा उनका स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक फैसला करते हुए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, UNHRC आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

विश्व हिंदू परिषद का विरोध

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हरदीप पुरी का रोहिंग्याओं को फ्लैट देने वाला बयान देखकर हैरान हैं। हम हरदीप पुरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 10 दिसंबर 2020 का बयान याद दिलाना चाहते हैं कि भारत में रोहिंग्याओं को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।

आलोक कुमार ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं, घुसपैठिये हैं। ये भारत सरकार का सुप्रीम कोर्ट में भी रुख रहा है। हम भारत सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने और रोहिंग्याओं को आवास प्रदान करने के बजाय, उन्हें वापस भेजने की व्यवस्था करने की अपील करेंगे।

 
संघ भी नाराज

आरएसएस सूत्रों के मुताबिक, संघ भी इस फैसले से खुश नहीं है। संघ के सूत्रों ने कहा कि यह फैसला CAA के खिलाफ जाएगा। साथ ही असम में जो रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाए गए हैं, उनका क्या होगा? 

हमने आदेश जारी नहीं किया- गृह मंत्रालय

इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद गृह मंत्रालय की सफाई आई है. गृह मंत्रालय ने कहा, कानून के मुताबिक अवैध रोहिंग्याओं को डिपोर्ट करने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं।

दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या मौजूदा स्थान पर रहेंगे, क्योंकि उनके डिपोर्ट के मामले को संबंधित देश के साथ उठाया जा चुका है।

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