sunlight news

पश्चिम बंगाल के सात जिलों में केन्द्रीय टीम की तैनाती, ममता नाराज

बंगाल

 

  • प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से टीम की तैनाती के संवैधानिक पहलुओं के बारे में पूछा
  • जवाब न मिलने पर राज्य सरकार का सहयोग न मिलने की भी बात कही

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सात जिलों में कोरोना संक्रमण की वजह से बने गंभीर हालात के आकलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित अंतर मंत्रीय केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) की तैनाती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल खड़ा किया है।

विज्ञापन

सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस टीम की तैनाती के संवैधानिक पहलुओं के बारे में पूछा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार इसकी संवैधानिक कसौटी को स्पष्ट नहीं करेगी तब तक राज्य सरकार किसी भी तरह से सहयोग नहीं करेगी।

दरअसल सोमवार को केंद्र सरकार ने आईएमसीटी का गठन किया है जो पश्चिम बंगाल के सात जिलों में कोरोना की वजह से उपजे हालात का आकलन करेंगी। ये जिले हैं राजधानी कोलकाता, हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिमपोंग और जलपाईगुड़ी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन जिलों में हालात गंभीर बताया है। आईएमसीटी की टीम यहां स्थिति का जायजा लेने के बाद राज्य सरकार को आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट सौंपेंगी।

केंद्र सरकार ने पहले लिखी थी राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी

इसके पहले केंद्र सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर बंगाल के अधिकतर क्षेत्रों में लॉकडाउन के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर नाराजगी जताई थी। साथ ही चेतावनी दी थी कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत इसमें कार्रवाई करने का अधिकार केंद्र के पास है।

फैसले के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया दो ट्वीट

अब इन क्षेत्रों में आईएमसीटी की तैनाती के केंद्र के फैसले के खिलाफ दो ट्वीट पर ममता ने लिखा है, “महामारी से मुकाबले में केंद्र सरकार के हर एक रचनात्मक समर्थन और सुझाव का हम स्वागत करते हैं। हालांकि जिस आधार पर केंद्र ने देश के कुछ चुनिंदा जिलों समेत बंगाल के विभिन्न जिलों में आईएमसीटी की तैनाती करने का प्रस्ताव दिया है, वह आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत स्पष्ट नहीं है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह करती हूं कि इस टीम की तैनाती के लिए उपयोग किए गए संवैधानिक पहलू को स्पष्ट करें। मैं कहना चाहती हूं कि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी तब तक राज्य सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ सकेगी क्योंकि बिना वैध कारणों के आईएमसीटी की तैनाती संघवाद की भावना के अनुरूप नहीं है।”

Share from here