निर्मोही अखाड़ा

निर्मोही अखाड़ा ने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा

देश

अयोध्या। निर्मोही अखाड़ा ने प्रधानमंत्री से मिलने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से समय मांगा है। सोमवार को बातचीत में निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने बताया कि आज जिलाधिकारी अनुज झा को मिलकर एक ज्ञापन सौंपा गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ई-मेल भी किया गया है।

उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में प्रधानमंत्री से निर्मोही अखाड़ा का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिलना चाहता है। निर्मोही अखाड़ा प्रधानमंत्री से मिलकर राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अनुरोध करेगा।

राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होने के लिए अनुरोध करेगा

अखिल भारतीय पंच रामानंदी निर्मोही अखाड़ा के पंचों ने सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनने वाले ट्रस्ट में शामिल होने का फैसला रविवार को लिया था। इस बैठक में पंचों ने सर्वसम्मति से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की ओर से आमंत्रण मिलने पर पंच मुलाकात करेंगे और ट्रस्ट में शामिल होंगे।

रामनगरी स्थित आश्रम में अखाड़े से जुड़े पंचों की बैठक निर्मोही अखाड़े के सरपंच राजा रामचंद्र चंद्राचार्य की मौजूदगी और अयोध्या निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास की अध्यक्षता में बैठक हुई।बैठक में अखाड़े के उपसरपंच चित्रकूट के महंत नरसिंह दास, वृंदावन के महंत मोहन दास, छतरपुर मध्य प्रदेश के महंत चिंगारी दास, जयपुर राजस्थान के महंत राम सुरेश दास उर्फ राधे बाबा, ग्वालियर के महंत रामसेवक दास, चित्रकूट कामदगिरि पीठम के नागा मदन गोपाल दास मौजूद थे।

बैठक में बरसों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मालिकाना हक मामले में देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से दिए गए निर्णय पर चर्चा की गई। कहा गया कि राम जन्म भूमि के लिए निर्मोही अखाड़े ने हमेशा अगली पंक्ति में रहकर संघर्ष किया। सबसे पहले यह लड़ाई न्याय की चौखट पर निर्मोही अखाड़ा ही लेकर गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर ट्रस्ट बनाकर ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व देने का आदेश दिया है। अखाड़े की ओर से राम जन्म भूमि के लिए लड़ाई लड़ी जा रही थी, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरी हो गई। निर्मोही अखाड़ा अयोध्या के महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि पंचों ने सर्वसम्मति से ट्रस्ट में शामिल होने का फैसला किया है।

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