कोलकाता। देशभर में लोकसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प है लेकिन सबसे अधिक दिलचस्प लड़ाई पश्चिम बंगाल में लड़ी जा रही है। गुरुवार को बंगाल के बांकुड़ा और पुरुलिया में इन दोनों शीर्ष नेताओं की जनसभा होनी है।
राजनीतिक तौर पर पश्चिम बंगाल के अभेद किला फतह करने के लिए भाजपा कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में चुनावी जनसभाओं के स्टार कैंपेनर बने हुए हैं। 9 मई को भी वह बंगाल आएंगे। उस दिन दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। सुबह 10:00 बजे बांकुड़ा में उनकी पहली जनसभा होगी जबकि सुबह 11:30 बजे पुरुलिया में दूसरी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं।
तो गुरुवार को मुख्यमंत्री की चार जनसभाएं होनी हैं। उन्होंने खुद इसके बारे में सोशल साइट पर जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि उनकी पहली जनसभा दोपहर 12:30 बजे बांकुड़ा टाउन में होगी जबकि दूसरी जनसभा दोपहर 1:30 बजे पुरुलिया जिले के सिमुलिया में होनी है। तीसरी जनसभा खड़गपुर में अपराहन 3:00 बजे प्रस्तावित है जबकि चौथी जनसभा मेदनीपुर में शाम 4:00 बजे से होनी है। वहां मुख्यमंत्री पद यात्रा भी करेंगी।
जाहिर सी बात है कि बांकुड़ा और पुरुलिया में मुख्यमंत्री की जनसभा प्रधानमंत्री की जनसभा के ठीक बाद है। इसीलिए इन दोनों जगहों से जैसे जैसे प्रधानमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलेंगे वैसे वैसे ममता बनर्जी उसका जवाब भी देने वाली हैं। ऐसे में राजनीतिक पारा चढ़ना तय है।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में चार चरणों के दौरान 10 से अधिक जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। अपनी प्रत्येक जनसभा से उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुन-चुन कर हमला किया है। कूछ दिन पहले ही उन्होंने हुगली जिले और उत्तर 24 परगना जिले में दो जनसभाओं को संबोधित किया है जहां से प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री के इस दावे के बाद देशभर में विवाद छिड़ा हुआ है।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री के इस दावे की वजह से पश्चिम बंगाल में हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी का नामांकन रद्द करने की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसे महत्त्व नहीं दिया।
