प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक अधिकारिता शिविर के अंतर्गत आयोजित समारोह में कहा कि नए भारत के निर्माण में हर दिव्यांग युवा, दिव्यांग बच्चे की उचित भागीदारी आवश्यक है। चाहे वह उद्योग हो, सेवा का क्षेत्र हो या फिर खेल का मैदान, दिव्यांगों के कौशल को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन से इस परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। गरीब वरिष्ठ नागरिकों को भी जरूरी उपकरण मिलें, इसके लिए हमारी सरकार ने तीन साल पहले ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ शुरू की थी।
हमारी सरकार ने 900 करोड़ से ज्यादा के उपकरण बांटे :
पहले की सरकारों में दिव्यांगों के लिए कैम्प बेहद कम आयोजित होने का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों के समय इस तरह के कैंप बहुत ही कम लगा करते थे। और इस तरह के मेगा कैंप तो गिनती के होते थे। बीते पांच साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में करीब 9000 कैंप लगवाए हैं। पिछली सरकार के पांच साल में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ रुपये से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना उपकरण दिव्यांगजनों को दिए गए हैं।
दिव्यांगों के लिए शिक्षा संस्थानों में आरक्षण बढ़ाकर किया पांच प्रतिशत
उन्होंने कहा कि बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई जा चुकी हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है। ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ यह हुआ कि पहले दिव्यांगों की जो 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए भी उनका आऱक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। अपने दिव्यांग साथियों का कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है।
दिव्यांगजनों की असली शक्ति उनका धैर्य और सामर्थ्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां करीब 27 हजार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है। ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है।
पीएम मोदी ने कहा कि तीर्थराज प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी में, लगभग यही समय था जब मैं कुम्भ के दौरान यहां आया था। आपके प्रधान सेवक के तौर पर, मुझे हजारों दिव्यांग-जनों और बुजुर्गों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है।
इस विशाल शिविर में एडीआईपी योजना के तहत 10,406 दिव्यांगजनों और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों (बीपीएल श्रेणी के) को विभिन्न श्रेणियों के विभिन्न प्रकार के कुल 56,905 से अधिक सहायक यंत्र और उपकरण 26,874 लाभान्वितों को मुफ्त वितरित किए गए। इस आयोजन का उद्देश्य जिले के विशेष रूप से बीपीएल श्रेणी के दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के बीच उनके रोजमर्रा के जीवन के मुद्दों और सामाजिक-आर्थिक विकास के अन्य रास्ते कैसे उत्पन्न हों, उसके बारे में आम जनता के बीच जानकारी को बढ़ावा देना है। इनमें बाधा मुक्त आवागमन, विभिन्न प्रकार के दिव्यांगों के लिए आवश्यक सहायक यंत्र और उपकरण, स्वरोजगार के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमशीलता रोजगार अवसर के लिए आसान ऋण तक पहुंच शामिल हैं।
26874 दिव्यांगजनों और वृद्धों को कृतिम उपकरण वितरित किए गए
इससे पहले प्रधानमंत्री ने मंच पर पहुंचकर अपने हाथों कुछ दिव्यांगजनों को उपकरण व कृत्रिम अंग प्रदान किये। कार्यक्रम में 26874 दिव्यांगजनों और वृद्धों को कृतिम उपकरण वितरित किए गए। प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में तीर्थराज प्रयाग ने यहां कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए और अमेरिका व दुबई जैसे देशों के नाम दर्ज अब तक के रिकॉर्ड को संगमनगरी ने पीछे छोड़ दिया। कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, उत्तर प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा सहित कई मंत्री उपस्थित हैं।