बंगाल विधानसभा चुनाव – लोगों के घर मे करती है काम, BJP से मिला टिकट, प्रचार के लिए मांगी डेढ़ माह की छुट्टी

बंगाल

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस बार ऐसे महिला उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतारें हैं जिनका सामाजिक जीवन ही उनके लिए सबसे बड़ी पूंजी हैं। भले ही वो आर्थिक तौर पर पिछड़े हुए हैं।

 

बीजेपी ने पूर्वी बर्दवान के आउसग्राम विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसे ही उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। आउसग्राम से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कलिता मांझी अत्यधिक गरीबी के कारण बहुत आगे तक पढ़ाई नहीं कर पायी। शादी के बाद भी गरीबी एक निरंतर साथी बना रहा। पति एक प्लम्बर है। 32 वर्षीय गृहवधू कलिता मांझी को अधिक पैसा कमाने के लिए दूसरों के घर मे परिचारिका के रूप में काम करना शुरू करना पड़ा।

 

इन दैनिक संघर्षों के बावजूद कलिता ने कभी हार नही मानी। यही कारण है कि इस बार पूर्वी बर्दवान के आउस ग्राम की एक साधारण गरीब घर की गृहवधू परिचारिका कलिता मांझी को भाजपा ने टिकट देकर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। परिवार के भरण पोषण की लड़ाई लड़ते लड़ते कलिता अब क्षेत्र की जनता के दुख दर्द की लड़ाई लड़ने जा रही है।

 

वह आउस ग्राम से भाजपा की उम्मीदवार बनी हैं। नाम की घोषणा के साथ ही लड़ाई की तैयारी भी शुरू हो गई है। कालिता अपने नाम की घोषणा होने के बाद, वह जहां काम करती है उनके घर में आयी और कहा, मुझे डेढ़ महीने की छुट्टी चाहिए। क्योंकि मुझे चुनाव में व्यस्त रहना है।

 

कलिता के नाम की घोषणा होने के बाद, भाजपा उम्मीदवार स्थानीय पार्टी कार्यालय में चली गयी। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका स्वागत किया गया। 

 

आउस ग्राम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के सह-संयोजक चंद्रनाथ बंद्योपाध्याय ने कहा, हमारी पार्टी गरीबों के हितों के लिए लड़ती है। पार्टी ने कलिता मांझी जैसी गरीब परिवार की महिला को प्रार्थी बनाकर यह साबित किया है कि दल में कोई उच नीच नही है। 

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