- कविता में भार और धार के साथ वार भी होना चाहिए-जगदीश मित्तल
कोलकाता। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की धरोहर बड़ाबाजार लाइब्रेरी के आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सभागार में राष्ट्रीय कवि संगम की पश्चिम बंगाल इकाई का द्वितीय प्रांतीय अधिवेशन एवं एक सफलतम कवि सम्मेलन का आयोजन किया हुआ।
दो सत्रों में सम्पन्न हुआ सम्मेलन
सम्मेलन दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन की आध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल द्वारा की गई। मंच पर उपस्थित सम्मानित अतिथियों में राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवघरिया, प्रांतीय अध्यक्ष गिरधर राय, डी. एच. टी. सी. इंडिया के सी. एम. डी. के. के. बंसल, मोटिवेशनल स्पीकर सूर्या सिन्हा, समाजसेवी श्री के. के. सिंघानिया एवं डॉ. ऋषिकेश राय उपस्थित थे।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलित कर माँ सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित किया। सीमा सिंह द्वारा अक्षत-कुमकुम से उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ रीमा पाण्डेय द्वारा मधुर स्वर में गाए गए सरस्वती वंदना से हुआ।
स्वागत भाषण हिंदी के मूर्धन्य विद्वान ऋषिकेश राय द्वारा दिया गया। राष्ट्रीय कवि संगम (पश्चिम बंगाल) के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय एवं कार्यकारिणी के अन्य सभी सदस्यों के प्रयास से यह कार्यक्रम सफलतम ढंग से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह द्वारा किया गया। प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह ने राष्ट्रीय कवि संगम (पश्चिम बंगाल) की विगत गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए इसकी आगामी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
प्रांतीय अध्यक्ष गिरिधर राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्तल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए सभा में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं अन्य सभासदों के प्रति अपना आभार ज्ञापित किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्तल ने डॉ गिरधर राय के संयोजन तथा कार्य प्रणाली की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कवि की कलम में इतनी ताकत होती है कि वह पूरे ब्रहमांड को अपने शब्दों में समेट लेता है – सूर्या सिन्हा
मेटिवेशनल स्पीकर सूर्या सिन्हा ने कवियों की क्षमता का बखान करते हुए कहा कि कवि सिर्फ कुछ पंक्तियों से ही हमें परिचित नहीं करवाता है बल्कि एक कवि की कलम में इतनी ताकत होती है कि वह पूरे ब्रहमांड को अपने शब्दों में समेट लेता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने तो उपस्थित सभी कवियों के उत्साह को यह कहकर चरम उत्कर्ष प्रदान किया कि वे स्वयं को किसी अन्य संपत्ति का स्वामी नहीं समझते बल्कि देश के युवा एवं होनहार कवियों को ही अपनी वास्तविक संपत्ति मानते हैं क्योंकि कवि की कलम जब अपने धार और भार के साथ सही जगह पर वार करती है तो देश के सीमा पर तैनात जवानों और देश के अंदर की उन सभी शक्तियों को प्रज्वलित कर देती है जिनके कंधों पर देश के उत्थान और सुरक्षा का महति उत्तरदायित्व होता है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राष्ट्र जागरण ही हमारा परम धर्म होना चाहिए। राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवघरिया ने सभा में कवि कर्म के कुछ अहम सोपानों की चर्चा करते हुए कहा कि अभ्यास से ही हम अपनी कविता को प्रखर बना सकते हैं।
प्रथम सत्र में काव्य पाठ करने वाले कवियों में सीमा सिंह, राम पुकार सिंह, चंद्रिका पांडेय ‘अनुरागी’, रीमा पाण्डेय, कामायनी संजय, देवेश मिश्रा, संजय शुक्ल, सुदामी यादव, श्यामा सिंह, नन्दलाल रोशन, अनुराधा सिंह, निशंक उपाध्याय, ऋषभ द्विवेदी,अनिमेष तिवारी, विनय ओझा, मीना शर्मा, शकील गोंडवी, रजनी मुंधरा, रमाकांत सिन्हा,रंजन मिश्रा, राम प्रवेशआदि थे।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का शुभारंभ कामायनी संजय द्वारा गाए गए एक ऐसे ओजस्वी राष्ट्र वंदना से हुआ जो सदा से ही संघ की बुलंद आवाज़ है। इस सत्र में प्रथम सत्र के सभी विशिष्ट कवियों को राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश जी मित्तल एवं राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवघरिया जी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके पश्चात नगर के प्रायः 75 कवियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ अपना काव्य पाठ किया।
मित्तल, देवघरिया एवं उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने इन कवियों के कवि कर्म की भूरि- भूरि प्रशंसा की। इन सभी कवियों को एवं उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं को अंग वस्त्र और मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया l
कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़ी सभी प्रकार की सावधानियां बरती गईं। मास्क और सैनिटाइजर्स की पूरी व्यवस्था दुरुस्त रखी गई थी। एन.सी.सी. के 25 कैडेट्स ने इस कार्यक्रम के सफल समायोजन का भार अपने कंधों पर लिया था और इन्होंने अपने कर्तव्यों का पूरा-पूरा निर्वाह किया। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय कवि संगम की ‘पश्चिम बंगाल’ शाखा के सलाहकार संजय शुक्ल द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में महावीर प्रसाद अग्रवाल, जय गोपाल गुप्ता, राजीव मिश्रा, डॉ अरविंद मिश्र, अशोक शर्मा, सरिता सिंह, सुषमा राय पटेल, सुधा सिंह, उमा अग्रवाल, डॉ. ए पी राय एवं अन्य सभी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
