आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ.विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा

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नई दिल्ली। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ.विरल आचार्य ने अपने कार्यकाल के पूरा होने के छह माह पहले ही इस्तीफा दे दिया। इस बाबत आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर डॉ. विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने बताया कि कुछ सप्ताह पहले, डॉ. आचार्य ने आरबीआई को एक पत्र प्रस्तुत किया था जिसमें बताया था कि अपरिहार्य व्यक्तिगत कारणों से वे 23 जुलाई, 2019 तक ही अपनी सेवा देने में समर्थ है। हालांकि दयाल ने कहा कि उनके इस्तीफे पर अभी विचार किया जा रहा है।

केंद्रीय बैंक में सबसे कम उम्र के डिप्टी गवर्नर में से एक विरल आचार्य 23 जनवरी, 2017 को आरबीआई में पदभार ग्रहण किया था।पिछले वर्ष 26 अक्टूबर को आरबीआई की स्वायत्तता बरकरार रखने की जरूरत को लेकर उनके बयान के बाद इस बात की अटकले तेज हो गई थी कि आचार्य अपना पद छोड़ देंगे।

उल्लेखनीय है कि जून माह के पहले सप्ताह सम्पन्न हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के बीच वित्तीय घाटा और इसका सही-सही आकलन के मुद्दे पर असहमति दिखी थी।
दिसंबर से उर्जित पटेल ने दिया था इस्‍तीफा
इससे पहले दिसंबर 2018 में उर्जित पटेल ने बतौर आरबीआई गवर्नर कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था. उर्जित पटेल ने अपने बयान में बताया कि वो निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं. उर्जित पटेल के इस्‍तीफे के बाद शक्‍तिकांत दास को आरबीआई का गवर्नर नियुक्‍त किया गया.

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