15 समझौतों, करारों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए
भारत और रूस ने द्विपक्षीय राजनीतिक साझेदारी में रक्षा उपकरणों के साझा उत्पादन और तेल व गैस क्षेत्र में भारी निवेश का निश्चय करते हुए बुधवार को 15 समझौतों, करारों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच वार्ता के बाद समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों नेताओं ने साझा प्रेसवार्ता को संबोधित किया। भारत और रूस के बीच यह 20वीं शिखर वार्ता थी, जिसमें दोनों देशों के नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल के साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर विचार-विमर्श किया।
रूस की सेना के लिए अतिरिक्त कलपुर्जे बनाने के लिए भारत में उत्पादन इकाई स्थापित की जाएगी
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में रक्षा उपकरणों के साझा उत्पादन के संबंध में हुए समझौते का विशेष रूप से उल्लेख किया। इस समझौते के अनुसार रूस की सेना के लिए अतिरिक्त कलपुर्जे बनाने के लिए भारत में उत्पादन इकाई स्थापित की जाएगी। मोदी ने कहा कि इससे भारत में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा और लोगों को रोजगार मिलेगा। दोनों देशों ने निवेश की संभावनाओं का भरपूर उपयोग करने के लिए निवेश संरक्षण समझौता करने पर भी सहमति व्यक्त की।
मोदी ने रूस के साइबेरिया और सुदूर पूर्व क्षेत्रों को ‘कर्मतीर्थ’ की संज्ञा देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में कोयला, तेल, गैस की खोज, खनन और दोहन के लिए दोनों देशों ने पांच साल का एक रोडमैप तैयार किया है। भारत के सार्वजनिक उपक्रम, निजी उद्योग और विभिन्न राज्य रूस के सुदूर पूर्व की विकास यात्रा में भागीदारी करेंगे। मोदी व्लादिवोस्तोक की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।