- संन्यास पर फैसला सिर्फ धोनी का, उनपर कोई दबाव नहीं
मुम्बई। भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के बीच ‘बंगाल टाइगर’ और ‘दादा’ के नाम से मशहूर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के 39वें अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया।
सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करते ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने से चला आ रहा शासन अब खत्म हो गया। गांगुली को वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, जो बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित किया गया था।
बुधवार को बीसीसीआई ने ट्वीट किया, “यह आधिकारिक है, सौरव गांगुली औपचारिक रूप से बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए हैं।” गांगुली के अलावा गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव और उत्तराखंड के महीम वर्मा नए उपाध्यक्ष बने हैं।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल कोषाध्यक्ष, जबकि केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव बने।
गांगुली ने कहा, “जब मैंने छह साल के लिए भारत की कप्तानी की, तो यह एक ऐसी ही स्थिति थी कि चीजों को वापस एक जगह लाने की जरूरत थी। वैसे ही बीसीसीआई में सुधार की जरूरत है। राज्य संघों को बड़ी राशि का भुगतान किया जाना है। यह पूरी तरह से नई शुरुआत है।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैंने भारत का नेतृत्व किया, उसी तरह से इस संगठन को आगे बढ़ाऊंगा। गांगुली ने यह भी कहा कि उनके पास बहुत युवा टीम है और उन्हें बहुत काम करना होगा।
जो चैम्पियन होते हैं, वह जल्द खत्म नहीं होते
महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास और टीम में उनके रोल को लेकर पत्रकारों के सवाल के जवाब में गांगुली ने कहा कि धोनी भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी हैं और जबतक मैं हूं, हर प्लेयर का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो चैम्पियन होते हैं, वह जल्द खत्म नहीं होते। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट के बहुत बड़े प्लेयर हैं। अगर आप उनके रिकॉर्ड को देखते हैं तो सिर्फ तारीफ ही निकलती है। धोनी के संन्यास पर गांगुली ने कहा कि इस पर हम कोई फैसला नहीं करेंगे, ना ही मैनेजमेंट की ओर से उन पर कोई दबाव बनाया जाएगा। संन्यास पर सिर्फ धोनी को ही फैसला करना होगा।
हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि
पदभार संभालते ही गांगुली ने ऐतिहासिक उपलब्धि भी हासिल कर ली। गांगुली 65 साल बाद ऐसे पहले टेस्ट क्रिकेटर हैं, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए हैं। इससे पहले टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर महाराजा कुमार विजयनगरम बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे, जो 1954 से 1956 तक इस पद पर रहे।