पश्चिम बंगाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से नहीं माना है। राज्य सरकार अपनी शिक्षा निति लागू (State Education Policy) करेगी। शनिवार सुबह स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश की नई शिक्षा नीति की जानकारी दी। इस शिक्षा नीति में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कुछ प्रस्तावों को स्वीकार किया गया है।
State Education Policy – Gazette Notification
शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने पहले बताया था कि यह राज्य शिक्षा नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बेस्ट का चयन करके तैयार की गई है। एक साल की प्री-प्राइमरी कक्षा और चार साल की प्राथमिक कक्षा का उल्लेख किया गया है। उसके बाद पांचवीं से आठवीं तक की कक्षाओं का जिक्र किया गया है।
9वीं-10वीं कक्षा के अंत में माध्यमिक परीक्षा होती है। आठवीं कक्षा से चरणबद्ध तरीके से सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जा सकता है। उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में सेमेस्टर प्रणाली लागू करने जा रही है। शैक्षणिक वर्ष 2024 में 11वीं कक्षा में प्रवेश पाने वाले सभी छात्र इस नियम के अंतर्गत आएंगे। हायर सेकेंडरी परीक्षा सेमेस्टर प्रणाली और एमसीक्यू प्रारूप में होगी।
प्रत्येक छात्र का तीन साल की उम्र से लेकर बारहवीं कक्षा तक का शैक्षणिक रिकॉर्ड क्लाउड में संग्रहीत किया जाएगा। शुरुआती पढ़ाई के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समन्वय समिति बनेगी। विद्यार्थियों के लिए नियमित काउंसलिंग का प्रावधान भी राज्य की शिक्षा नीति में उल्लिखित है।
एक ही कैंपस में नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स के अलावा कानून की पढ़ाई के लिए भी विशेष कोर्स शुरू करने की बात हो रही है। इसके अलावा अन्य राज्यों से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के राज्य में प्रवेश पर भी ध्यान दिया गया है।
राज्य की शिक्षा नीति में निजी शिक्षण संस्थानों के लिए भी नीति निर्धारण का प्रावधान है। मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया जाता है। कक्षा I से कक्षा XII तक सभी माध्यमों के छात्रों के लिए बंगाली विषयों का अध्ययन करने का अवसर भी बताया गया है।