प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट यानी धन शोधन निवारण अधिनियम PMLA के कई प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम फैसला सुनाएगा।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर सकता है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट की संवैधानिकता क्या है और इसके अधिकार क्षेत्र क्या हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई जांचों, गवाहों को सम्मन, गिरफ्तारी और जब्ती व पीएमएलए कानून के तहत जमानत प्रक्रिया से संबंधित कई मुद्दों को एक साथ संबोधित करेगा।
100 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई थीं
PMLA के विभिन्न पहलुओं पर 100 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी। खानविलकर 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। पीठ में न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार और दिनेश माहेश्वरी भी शामिल हैं।