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हिंसक माहौल की वजह से बंगाल में नहीं आते उद्योगपति : निर्मला सीतारमण 

बंगाल

कोलकाता। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर  प्रहार करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में चारों तरफ हिंसा का माहौल है। इसी वजह से यहां कोई भी उद्योगपति निवेश नहीं करना चाहता।

 

रविवार को  वर्चुअल माध्यम  से बंगाल के लोगों को संबोधित करते हुए  सीतारमण ने कहा कि  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का विरोध कर बंगाल की जनता का अहित कर रही हैं।  ममता के इस रवैये के कारण  देश की कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से बंगाल की जनता वंचित है।

 

राज्य में राजनीतिक हिंसा के कारण बाहर के लोग निवेश करने से कतरा रहे हैं

 

कभी बंगाल देश को राह दिखाता था और पूरी तरह से पिछड़ गया है। राज्य में राजनीतिक हिंसा के कारण बाहर के लोग राज्य में  निवेश करने से  कतरा रहे हैं। बंगाल में पिछले पांच साल से हिंसा की राजनीति चल रही है। विरोधी दल के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया जाता है। खून खराबा होता है। इस कारण कोई  बंगाल में  निवेश नहीं करना चाहता। कानून व्यवस्था ठीक रहे, तो बंगाल में फिर से उद्योग की कोशिश हो सकती है। माकपा, कांग्रेस, तृणमूल से लोगों का विश्वास समाप्त हो गया है।

 

केंद्रीय योजनाओं के लाभ से बंगाल के लोग वंचित

 

जनसंपर्क वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सीतारमण ने राज्य की जनता से परिवर्तन का आह्वान करते हुए सवाल किया, “क्या ऐसी सरकार चाहिए, जो अपने नागरिक के लिए जो सुविधा केंद्र सरकार देती है, फायदा उठाने से इनकार करती हैं। सीतारमण ने धारा 370, नागरिकता संशोधन कानून, तीन तालाक, किसान सम्मान योजना, आयुष्मान भारत, एक देश-एक राशन कार्ड जैसे मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश हित में फैसला लेती हैं, लेकिन मां, माटी, मानुष की ममता बनर्जी की सरकार उन्हें बंगाल में लागू नहीं करती। इससे केंद्रीय योजनाओं के लाभ से बंगाल के लोग वंचित रह जाते हैं। तृणमूल कांग्रेस के कुशासन की वजह से बंगाल की जनता तरस रही है।

 

बंगाल देश में सबसे ज्यादा पिछड़ गया है

 

 उन्होंने कहा कि पहले उदाहरण दिया जाता था कि बंगाल जो आज सोचता है, पूरा देश कल सोचता है, लेकिन आज बंगाल देश में सबसे ज्यादा पिछड़ गया है। बंगाल के लोगों की स्थिति बहुत ही खराब है। उन्होंने आह्वान किया कि बंगाल का विकास तभी हो सकता है जब केंद्र में भाजपा की सरकार की तरह राज्य में भी भाजपा की ही सरकार हो। 

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