केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में Vishwakarma Yojana और PM E Bus Seva को मंजूरी दे दी है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि Vishwakarma Yojana के तहत लोगों के पारंपरिक कौशल वाले लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी। इनमें सुनार, लोहार, नाई और चर्मकार जैसे पारंपरिक कौशल वाले लोग शामिल हैं। इस योजना में स्किल बढ़ाने पर जोर होगा। नई तकनीक, नए टूल्स और मार्केटिंग पर फोकस होगा।
Vishwakarma Yojana को मंजूरी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बेसिक और एडवांस दो तरह के कोर्स होंगे। स्किल लेने के दौरान 500 रुपये प्रति दिन का भत्ता भी होगा। मॉर्डन टूल्स खरीदने के लिए 15 हजार रुपये तक का सपोर्ट मिलेगा। विश्वकर्मा योजना में एक लाख रुपये का लोन भी प्रदान किया जाएगा। इसमें अधिकतम 5 फीसदी की ब्याज दर होगी। इसके बाद 2 लाख रुपये का क्रेडिट सपोर्ट भी मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कारोबारियों को नए टूल्स, नई स्किल और नया मार्केट सपोर्ट मिलेगा।
57,613 करोड़ की PM E BUS Seva को मंजूरी
अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई बस सेवा (PM e bus service) को बैठक में मंजूरी मिल गई है। इस पर 57613 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 10 हजार नई इलेक्ट्रिकल बसों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस योजना से देश में ग्रीन मोबिलिटी को बल मिलेगा।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश भर के 169 शहरों में से 100 शहरों को चैलेंज मेथड़ के आधार पर चुना जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवाओं विशेष रूप से बसों का अभाव है। इसलिए देश के 100 शहरों में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बस सेवाएं चलाई जाएंगी।
ये १०० शहरों का चुनाव इस प्रकार किया गया है – 5 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों को 50 बसें मिलेंगी। 5 लाख से 20 लाख तक की आबादी वाले शहर के लिए 100 बसें मिलेंगी। वहीं, 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों के लिए 150 बसें चलाई जाएंगी। जो राज्य और शहर पुरानी बसों को स्क्रैप कराते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त बसें दी जाएंगी।
इसे पीपीपी मोड पर किया जाएगा। प्रति किलोमीटर के आधार पर बसें चलाने के लिए केंद्र सरकार की सहायता मिलेगी और यह सहायता 10 साल तक के लिए मिलेगी। हिल एरिया या नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की राजधानी के लिए 90 फीसदी सहायता केंद्र सरकार देगी।