VVPAT – लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों से संबंधित मामले को सुना, जिसमें वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की गई थी।
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दरअसल, एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से अगस्त 2023 में लगाई गई याचिका में मांग की गई थी कि EVM में पड़े सभी वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से करना चाहिए।
फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र के रैंडम 5 EVM का ही VVPAT से मिलान होता है। कोर्ट ने मामले में चुनाव आयोग और केंद्र से जवाब मांगा है।
दरअसल, वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देता है कि उसका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने वकील और कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने वीवीपैट पेपर पर्चियों के माध्यम से केवल 5 रैंडम रूप से चयनित ईवीएम के सत्यापन के मौजूदा चलन के विपरीत चुनावों में वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया है कि वीवीपैट सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा, यानी एक के बाद एक, और कहा गया कि इससे अनुचित देरी होती है।