- एक टोल फ्री नंबर अमूमन व्यस्त
- दूसरा लैंडलाइन नंबर नॉट इन यूज़
कोलकाता। देशभर के विभिन्न राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को उनके गांव पहुंचाने की शुरुआत कर दी है लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार इसमें काफी पीछे नजर आ रही है।
सभी राज्यों के बाद रविवार को बंगाल सरकार ने दो हेल्पलाइन नंबर और एक इंटरनेट लिंक साझा किया था जिसके जरिए बंगाल से दूसरे राज्य में लौटने अथवा दूसरे राज्य से बंगाल आने के इच्छुक नागरिक खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। इसमें से एक टोल फ्री नंबर है 1070 जो अमूमन व्यस्त रहता है। घंटों तक फोन करने के बावजूद लोग किसी से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
दूसरा लैंडलाइन नंबर है जो नॉट इन यूज़ यानी इस्तेमाल में नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक इंटरनेट लिंक भी जारी किया है जिस पर जाकर लोगों को पंजीकरण के लिए अपना नाम और मोबाइल नंबर भरना पड़ रहा है।
मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाता है जिसके जरिए पंजीकरण होगा लेकिन कई बार क्लिक करने के बावजूद भी ओटीपी नहीं आ रहा।
यानी एक तरफ इंटरनेट के जरिए लोग खुद को पंजीकृत नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी तरफ फोन नंबरों पर बात नहीं हो पा रही। ऐसी परिस्थिति में दूसरे राज्यों के जो मजदूर पश्चिम बंगाल में फंसे हुए हैं और अपने गांव लौटना चाहते हैं वे काफी असहाय महसूस कर रहे हैं।
इसके अलावा दूसरे राज्यों में फंसे लोग भी परेशान है कि वे वापस कैसे लौटें? हालांकि कुछ राज्यों से बंगाल के लोग वापस लौट रहे हैं जैसे केरल और अजमेर शरीफ से सोमवार को दो स्पेशल ट्रेन रवाना हुई है जिसमें वहां से प्रवासी मजदूर ले आए जा रहे हैं।
