पश्चिम बंगाल के कई अख़बारों में कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री आवास योजना का एक विज्ञापन छपा। विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मुस्कुराती तस्वीर के साथ एक महिला की तस्वीर भी छपी थी। ‘आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर बंगाल’ के नारे के साथ इस विज्ञापन में लिखा है, प्रधानमंत्री आवास योजना में मुझे मिला अपना घर। सर के ऊपर छत मिलने से करीब 24 लाख परिवार हुए आत्मनिर्भर। साथ आइये और एक साथ मिलकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करते हैं।

अख़बारों के पहले पेज के आधे भाग में छपे विज्ञापन में जिस महिला की तस्वीर छपी है उनका नाम लक्ष्मी देवी है। वे कोलकाता के बहुबाजार में रहती हैं। लक्ष्मी देवी को इसकी जानकारी विज्ञापन छपने के बाद मिली।
लक्ष्मी देवी ने अख़बार में जबसे अपनी तस्वीर देखी है तब से परेशान हैं। लक्ष्मी कहती हैं, ‘‘बाबूघाट में गंगासागर मेला लगा था। वहां मैंने सफाईकर्मी का काम किया था। मुझे लगता है कि वहीं यह तस्वीर उतारी गई थी। लेकिन मुझे कुछ मालूम नहीं है।
500 रुपए के किराए के कमरे में रहती हैं लक्ष्मी
विज्ञापन में लक्ष्मी की फोटो के साथ लिखा है प्रधानमंत्री आवास योजान के तहत मुझे मिला अपना घर लेकिन सच्चाई यह है कि लक्ष्मी देवी के पास अपना घर तक नहीं है। अपने परिवार के छः सदस्यों के साथ लक्ष्मी 500 रुपए किराए के एक कमरे में रहती हैं।
ना गांव में जमीन है ना ही बंगाल में अपनी जमीन है
क्या आपके पास अपना घर है? इस सवाल के जवाब में लक्ष्मी कहती हैं, ‘‘मेरे पास कहां घर है। सारा जीवन फुटपाथ पर रहते हुए कट गया। 500 रुपया भाड़ा के कमरे में रहती हूँ। जिसमें मेरे दो बेटे, एक बहू और उनके दो बच्चे रहते हैं। उसी घर में हम ऊपर नीचे करके सोते हैं।मजबूरी है।’’
