50th anniversary of emergency – आज आपातकाल की 50वीं बरसी है। 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थीं।
50th anniversary of emergency
भारतीय जनता पार्टी इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी। इसके लिए देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे।
आपातकाल की 50वीं बरसी की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे आपातकाल नही बल्कि सत्ताधारी दल का अन्यायकाल बताया।
उन्होंने कहा कि जब 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्णय किया कि हर वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा, तब यह सवाल उठे कि 50 साल पहले हुई किसी घटना पर बात करके आज क्या हासिल होगा?
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का निर्णय इसलिए लिया, ताकि देश की चिर स्मृति में यह बना रहे कि जब कोई सरकार तानाशाह बनती है, तो देश को कैसे भयानक दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि जब किसी अच्छी या बुरी राष्ट्रीय घटना के 50 साल पूरे होते हैं, तो सामाजिक जीवन में इसकी याद्दाश्त धुंधली हो जाती है।
अगर आपातकाल जैसी लोकतंत्र की नींव हिलाने वाली घटना को लेकर समाज की याददाश्त धुंधली होती है तो यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत बड़ा खतरा होता है।क्योंकि लोकतंत्र और तानाशाही मन के दो भाव हैं, जिसे किसी व्यक्ति से नहीं जोड़ना चाहिए।
50th anniversary of emergency – उन्होंने कहा कि मन के भाव दरअसल मानव प्रकृति के भाव हैं, जो कभी न कभी दोबारा उभर कर देश और समाज के सामने चुनौती बनकर आ सकते हैं।
