आज पीएम मोदी राज्यसभा में संबोधन दिया उन्होंने शुरुआत कविता पढ़ कर की।
पीएम मोदी ने राज्यसभा में पढ़ी कविता
पीएम मोदी ने मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता कही। उन्होंने कहा, “अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल।” पीएम ने इस कविता को 21वीं सदी से जोड़कर दोबारा पढ़ा। उन्होंने कहा, “अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत, आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।”
विपक्ष पर पीएम मोदी का निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट आया, तो भारत के लिए दुनिया चिंतित थी। अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट होगा। भारत ने अपने देश के नागरिकों की रक्षा करने के लिए एक अज्ञात दुश्मन से जंग लड़ी। लेकिन आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है। ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति ने नहीं जीती, लेकिन हिंदुस्तान को तो इसका क्रेडिट जाता है।
दीये जलाने का उड़ाया मजाक
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया। विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचे।
दुनिया को मदद पहुंचा रहा है भारत: PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस देश को तीसरी दुनिया का हिस्सा माना जाता था, उसी भारत ने एक साल में दो वैक्सीन बनाई और दुनिया को मदद पहुंचाई। पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना के खिलाफ कोई दवाई नहीं थी, तब भारत ने 150 देशों को दवाई पहुंचाई। अब जब वैक्सीन आ गई है, तब भी दुनिया को भारत ही वैक्सीन दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के अंदर भी केंद्र और राज्य की सरकारों ने मिलकर काम किया है।
टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन पर पलटवार
पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर लोकतंत्र को लेकर उपदेश दिए गए, भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी इस तरह खाल उधेड़ी जा सके। टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जिन शब्दों का प्रयोग किया, तो ऐसा लगा कि वो बंगाल की बात कर रहे हैं या देश की। वहीं, प्रकाश सिंह बाजवा भी जब बात कर रहे थे तो लगा कि वो कांग्रेस काल के आपातकाल, 1984 के दंगों का जिक्र करेंगे।
हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक मूल्यों से भरा हुआ है, प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन हमें मिलता है। आज देशवासियों को भारत के राष्ट्रवाद पर हो रहे हमलों से बचाना जरूरी है। भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है, ना ही आक्रामक है। ये सत्यम शिवम सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है’. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में बताया कि ये शब्द नेताजी सुभाष चंद्र बोस के हैं।
भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें दुनिया से लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जब देश में आपातकाल लगा, तो न्यायपालिका और देश की क्या हालत थी सभी को पता है। लेकिन देश का लोकतंत्र इतना ताकतवर है कि आपातकाल को हमने पार कर दिया।
कृषि कानून और किसान आंदोलन पर बोले पीएम…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनेंगे या समाधान का माध्यम बनेंगे। राजनीति और राष्ट्रनीति में हमें किसी एक को चुनना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई, जो भी बताया गया वो आंदोलन को लेकर बताया गया लेकिन मूल बात पर चर्चा नहीं हुई।
पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के कथन को सदन में पढ़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने सरकार के प्रयासों की सराहना भी की, साथ ही उन्होंने सुझाव भी दिए। पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के कथन को सदन में पढ़ा, ‘किसानों का सेंसेस लिया गया, तो 33 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन 2 बीघे से कम है, 18 फीसदी जो किसान कहलाते हैं उनके पास 2-4 बीघे जमीन है। ये कितनी भी मेहनत कर ले, अपनी जमीन पर इनकी गुजर नहीं हो सकती है’ पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा वक्त में जिनके पास 1 हेक्टेयर से कम जमीन है, वो 68 फीसदी किसान हैं. 86 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है। हमें अपनी योजनाओं के केंद्र में 12 करोड़ किसानों को रखना होगा।
यू-टर्न क्यों ले रहा है विपक्ष: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि शरद पवार समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने भी कृषि सुधारों की बात की है। शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया, हमें जो अच्छा लगा वो किया आगे भी सुधार करते रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि आज विपक्ष यू-टर्न कर रहा है, क्योंकि राजनीति हावी है। पीएम मोदी ने सदन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो’। पीएम मोदी ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए। पीएम मोदी ने कहा कि दूध का काम करने वाले, पशुपालन वाले, सफल का काम करने वालों के पास खुली छूट है। लेकिन किसानों को ये छूट नहीं है।
MSP है, था और रहेगा…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। लेकिन वो पीछे नहीं हटे थे। तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं।पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं। पीएम मोदी ने अपील करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन सुधारों को होने दो। पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए। आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहे। किसानों के साथ लगातार बात की जा रही है. पीएम मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि MSP है, था और रहेगा। मंडियों को मजबूत किया जा रहा है। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय पर बल दिया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर अब देर कर देंगे, तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे।
आंदोलनजीवियों से बचकर रहें…
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ बुद्धिजीवी होते हैं, लेकिन कुछ लोग आंदोलनजीवी हो गए हैं, देश में कुछ भी हो वो वहां पहुंच जाते हैं. कभी पर्दे के पीछे और कभी फ्रंट पर, ऐसे लोगों को पहचानकर हमें इनसे बचना होगा. ये लोग खुद आंदोलन नहीं चला सकते हैं, लेकिन किसी का आंदोलन चल रहा हो तो वहां पहुंच जाते हैं. ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं, जो हर जगह मिलते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक नया FDI मैदान में आया है, जो Foreign destructive ideology से देश को बचाने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसी सरकार नहीं बल्कि देश का आंदोलन है।
सिखों का सम्मान जरूरी: PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग हैं जो भारत को अस्थिर करना चाहते हैं, ऐसे में हमें सतर्क रहना चाहिए. पंजाब का बंटवारा हुआ, 1984 के दंगे हुए, कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में भी ऐसा ही हुआ, इससे देश को बहुत नुकसान हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं, ये देश हर सिख पर गर्व करता है.पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पंजाब की रोटी खाई है, सिख गुरुओं की परंपरा को हम मानते हैं. उनके लिए जो भाषा बोली जाती है, उससे देश का भला नहीं होगा।
गुलाम नबी पर तंज, चीन सीमा को लेकर दिया जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में गुलाम नबी आजाद पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी जी ने कई मसलों पर सरकार की प्रशंसा की, लेकिन मुझे डर है कि उनकी पार्टी इसे G-23 के संबंध में ना ले ले।
चीन के मसले पर पीएम मोदी ने सदन में कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में जवानों ने अपना काम किया और हर किसी का सामना किया। LAC की स्थिति पर भारत का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है, बॉर्डर सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में वेद के मंत्र का उल्लेख किया, पीएम मोदी ने सदन में ‘’अयुतो अहम…’’ को पढ़ा
