राज्य में चुनाव बाद अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों पर हो रहे अत्याचार व हिंसा के मामलों की जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) को अपना दौरा रद्द करने को कहा है।
सरकार ने इसके लिए कोरोना प्रोटोकॉल का हवाला दिया है। बंगाल सरकार ने सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को रिपोर्ट दी थी और कहा था कि राज्य में आठ मई के बाद से हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया है।
वहीं एनसीएससी का दावा है कि उन्हें दो मई से अब तक राज्य में अनुसूचित जाति पर हो रहे जुल्म को लेकर कई शिकायती चिट्ठियां मिली हैं। एनसीएससी पिछड़े वर्ग को शोषण से बचाने के लिए बनाई गई संवैधानिक संस्था है।
