जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर और कमिश्नर के बीच हुए विवाद में राज्य सरकार बीच मे आ गई और मेयर समेत दो कमेटियों के चेयरमैन और एक पार्षद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
दरअसल, 3 जून को मेयर सौम्या गुर्जर ने कमिश्नर यज्ञमित्र देव सिंह को पत्रावली भेजी की बीवीजी कंपनी हड़ताल पर जा रही है। जनहित के कार्य को रोक कर कंपनी द्वारा अनावश्यक रूप से नगर निगम पर दबाव बनाया जा रहा है।
अगले ही दिन कंपनी को पेमेंट करने समेत अन्य मुद्दों पर हुई बैठक में मेयर ने कमिश्नर पर गंभीर आरोप लगाए।मेयर का आरोप है कि कमिश्नर कंपनी के साथ मिलकर जेबें भरने में लगे हैं।
बैठक में विवाद इतना बढ़ा की कमिश्नर मीटिंग छोड़कर चले गए. शुक्रवार देर रात कमिश्नर ने ज्योति नगर थाने में मेयर के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने और पार्षद पारस जैन समेत कुछ पार्षदों पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया।
आयुक्त के साथ मारपीट मामले में सरकार ने मेयर सौम्या गुर्जर के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (3) के तहत न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है।
विभाग द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि सौम्या गुर्जर अगर न्यायिक जांच के दौरान मेयर पद पर रहती है तो न्यायिक जांच प्रभावित होने की पूरी संभावना है। इसलिए उन्हे पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) का हवाला देते हुए मेयर पद से सस्पेंड करने के आदेश दिए गए हैं। इसी के ही साथ मेयर को वार्ड संख्या 87 के पार्षद पद से भी सस्पेंड कर दिया गया है।
