तनाव एक ऐसी समस्या है जिससे लगभग सभी पीड़ित हैं। यह ऐसी गंभीर समस्या है जिसमें बच्चे से ले कर वृद्ध तक किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं तथा 99 प्रतिशत से ज्यादा रोगों का जनक तनाव है। यह कहना है योगाचार्य राजेश व्यास का।
योगाचार्य राजेश ने पंच दिवसीय योग चर्चा के तीसरे दिन बताया कि आसन, प्राणायाम और ध्यान करने वाले लोग अनुभव करते हैं कि कुछ देर के अभ्यास से तनाव की तीव्रता में आराम मिलता है और यह संजीवनी की तरह स्थिति से निबटने की क्षमता देता है। यदि इनके अभ्यास से कोई समत्व की प्राप्ति की ओर बढ़े तो फिर झंझावतों के बीच भी वह शांत रह सकता है।
इस समत्व की प्राप्ति हेतु ही ये सारे साधन है। जीवन में अर्थपूर्ण तरीके से आगे बढ़ते रहने का राज भी यही है कि आप अंदर से एकदम शांत रहे और शरीर से पूर्ण पुरुषार्थ करें। योगाभ्यास से इसी स्थिति को प्राप्त करने का लक्ष्य योगपथ के पथिक जन बनाते हैं।