ओडिशा के पुरी की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन इस वर्ष 04 जुलाई को होना है। रथ यात्रा का आरंभ भगवान जगन्नाथ के अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के स्नान यात्रा से माना जाता है, इसे देव स्नान पूर्णिमा भी कहते हैं। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर सोमवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला।

परम्परानुसार नाथों के नाथ भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भक्तों के प्रेम में अत्यधिक स्नान से बीमार पड़ गए। बीमार होने के बाद भगवान 15 दिन तक आराम करेंगे। इस दौरान भगवान के दर्शन भक्तों को नहीं मिलेंगे। इस अवधि में भगवान का पूजा-आरती भी नहीं होगी। पूरे पखवाड़े भर भगवान को मेवा, मिश्री, तुलसी, लौंग, जायफर के औषधीय काढ़े का भोग लगाया जायेगा। भगवान इसके बाद स्वस्थ होकर मनफेर के लिए ससुराल के लिए निकलेंगे। इसी के साथ विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेला भी प्रारम्भ हो जायेगा।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से पहले जल यात्रा निकाली जाती है। इस दिन भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों को दर्शन देते हैं। रथ यात्रा में जलाभिषेक होता है और मंत्रों के जरिये जल की पूजा की जाती है।
