सनलाइट, कोलकाता। हाथ की कला का कोई तोड़ नही हो सकता। किसी कला में निपुण हुआ व्यक्ति अपने आप आत्मनिर्भर बन जाता है। यह बात पृथ्वी दिवस (Earth Day) पर छात्रों के समूह द्वारा गोमय गमला भेंट करने के दौरान पार्षद विजय ओझा ने कही।
Earth Day
ओझा ने छात्रों द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर किये जा रहे कार्यों को सराहते हुए कहा कि अभी विद्याध्ययन के साथ ही काफी कुछ सीखने का समय है। जागरूकता के साथ ही इस प्रकार की वस्तुएं बनाने का भी प्रयास करना चाहिए।
इस अवसर पर मुकुन्द व्यास, श्याम सुंदर व्यास, नमन शुक्ला, प्रियांशू कुमार, आशीष कुमार सिंह मौजूद थे।