कोलकाता। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में गत 19 सितम्बर को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर वामपंथी छात्रों के हमले के खिलाफ सोमवार को रैली निकाली गई। हालांकि एबीवीपी की इस रैली कोे पुलिस ने बलपूर्व रास्ते में ही रोक दिया जिसके कारण पुलिस एवं छात्रों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ है। रैली में शामिल छात्रों की ओर से कथित तौर पर पत्थर फेंके जाने से एक महिला पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद पुलिस ने जमकर लाठियां चलाई।
इसके खिलाफ नाराज छात्रों ने सड़क जामकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दरअसल बाबुल पर हमले के खिलाफ एबीवीपी की ओर से कोलकाता से गोलपार्क के पास महानगर एवं आसपास के जिलों से छात्रों को एकत्रित कर रैली निकाली गई। इसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र शामिल हुए। इनलोगों ने गोलपार्क से रैली निकालकर जादवपुर विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे थे।
उधर विश्वविद्यालय के गेट पर माकपा छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसेफआई) की ओर से धरना प्रदर्शन हो रहा था। इसलिए संभावित संघर्ष को टालने के लिए पुलिस ने एबीवीपी की रैली स्थल से थोड़ी दूरी पर त्रीस्तरीय बैरिकेडिंग कर रैली को बलपूर्वक रोक दिया। इसके कारण छात्रों एवं पुलिस कर्मियों के बीच विवाद एवं हाथापाई शुरू हो गई थी। टकराव को टालने के लिए पुलिस ने माइकिंग से अनाउंस करना शुरू कर दिया था।
आरोप है कि रैली से पुलिस पर पत्थर समेत झंडा लगे डंडे फेंके जाने लगे। बचाव हेतु पुलिस ने भी लाठी चार्ज शुरू कर दी। बाद में हेलमेट पहने पुलिस कर्मियों ने एबीवीपी छात्रों को रोकने की कोशिशें करनी शुरू कर दी। घोषणा की जा रही थी कि अगर छात्र पत्थर फेकेंगे तो रैली को गैरकानूनी घोषित किया जाएगा। छात्र अगर चाहें तो बैरिकेडिंग के अंदर रहकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं। इसके बाद छात्र सड़क पर ही बैठकर ममता बनर्जी, पुलिस एवं वामपंथियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इनलोगों का कहना था कि प्रशासन की मिलीभगत से बाबुल सुप्रियो पर योजनाबद्ध तरीके से हमले हुए।