कोलकाता। मुर्शिदाबाद जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य और प्राथमिक शिक्षक बंधु गोपाल पाल, गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल और आठ साल के बच्चे अंगन पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने पारिवारिक विवाद का दावा किया है। हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक आईपीएस मुकेश कुमार अथवा अन्य अधिकारियों की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
घटनास्थल से बरामद हुई है एक चिट्ठी
प्रशासनिक सूत्रों का दावा है कि घटनास्थल से एक चिट्ठी बरामद हुई है जो ब्यूटी पाल ने अपने पति के लिए लिखी थी। चिट्ठी में कथित तौर पर ब्यूटी ने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है और तमाम तरह के पारिवारिक विवादों का जिक्र भी किया है। पुलिस का कहना है कि संपत्ति को लेकर तमाम तरह के विवाद चल रहे थे। बंधु स्कूल शिक्षक के अलावा एक मल्टी लेवल मार्केटिंग बिजनेस भी चलाते थे जबकि उनकी पत्नी हाउसवाइफ थी। कथित तौर पर दोनों के बीच कारोबार को लेकर भी विवाद होता रहता था।
पारिवारिक विवाद का जिक्र
एक पुलिस अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर शुक्रवार को बताया कि अभी तक की जांच में इस हत्याकांड में किसी तरह का कोई राजनीतिक जोग नहीं मिला है। उनके घर से ऐसा कोई दस्तावेज भी बरामद नहीं हुआ है जिससे उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने की पुष्टि हो सके। एक चिट्ठी बरामद हुई है जो उनकी पत्नी ने पति को लिखी थी। उसमें पारिवारिक विवाद का जिक्र है। यह एक आपराधिक मामला है जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि मृतक के घर से 15 मीटर की दूरी पर एक दुर्गा पूजा का पंडाल बना था। घटना वाले दिन पंडाल में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने हंगामे अथवा शोर की पुष्टि नहीं की है। लोगों ने बताया है कि बंधु के घर से एक व्यक्ति बदहवास तरीके से भागता हुआ नजर आया था। जिसके बाद लोगों को संदेह हुआ और घर में जाकर देखा कि बंधु ,उनकी पत्नी और बच्चे का गला कटा शव पड़ा हुआ है।
तीनों का रक्तरंजित शव बरामद किया गया
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को दशमी के दिन इन तीनों का रक्तरंजित शव बरामद किया गया है। बंधु आरएसएस के कार्यकर्ता थे इसीलिए राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच इस पर वाक युद्ध शुरू हो गया है। भाजपा ने जिला प्रशासन पर हत्याकांड की वजह को छिपाने और हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया है। दावा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने ही घटना को अंजाम दिया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी इस मामले पर राज्य प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है और राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाली को भी रेखांकित किया है। उन्होंने इसकी पूरी रिपोर्ट तलब की है। हालांकि मुख्यमंत्री अथवा सत्तारूढ़ पार्टी का कोई भी आधिकारिक प्रवक्ता इस पर अभी तक चुप्पी साधे हुए है।
जिस जियागंज थाना क्षेत्र के लेबुतला में यह हत्याकांड हुई है वह अल्पसंख्यक बहुल इलाका है। घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ रहा है। लोग राज्य प्रशासन पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हैं जिसके कारण बहुसंख्यक समुदाय में भी गुस्से की लहर पनप रही है। हालांकि पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है है लेकिन जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के चुप्पी साधे रखने से हालात बिगड़ रहे हैं।