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बंद रखे जाएंगे रविंद्र सरोवर के गेट ताकि ना हो छठ पूजा

कोलकाता

कोलकाता। कोलकाता के ऐतिहासिक रविंद्र सरोवर को प्रदूषण से बचाए रखने के लिए इस बार छठ पूजा के मौके पर इसके सभी गेट को बंद कर दिया जाएगा।

सरोवर की संरक्षक सरकारी संस्था कोलकाता मेट्रो डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त यह जानकारी दी।

एनजीटी के निर्देशानुसार निर्णय लिया गया

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देशानुसार रविंद्र सरोवर में छठ पूजा बंद करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। छठ व्रतियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए केएमडीए ने तीन अतिरिक्त अस्थाई जलाशयों का निर्माण किया है जो रविंद्र सरोवर के आसपास हैं और दक्षिण कोलकाता के लोगों को छठ पूजा करने में मददगार साबित होंगे।

उन्होंने बताया कि टॉलीगंज से ढाकुरिया तक रविंद्र सरोवर में जाने के लिए 15 दरवाजे हैं। इसे छठ पूजा वाले दिन यानी कि दो और तीन नवंबर को बंद रखा जाएगा। उक्त अधिकारी ने बताया कि रविंद्र सरोवर के दरवाजों के पास नोटिस लगाए जाएंगे जिसमें स्पष्ट लिखा रहेगा कि दो नवंबर की सुबह से ही रविंद्र सरोवर पर छठ व्रतियों का घुसना प्रतिबंधित रहेगा। ऐसा एनजीटी के निर्देशों पर किया जा रहा है।

गेट पर नोटिस लगाकर व्रतियों का प्रवेश प्रतिबंधित करने का निर्देश

उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने गत 14 अक्टूबर को एक निर्देशिका जारी की है जिसमें राज्य सरकार को यह आदेश दिया गया है कि 2017 में प्राधिकरण द्वारा ऐतिहासिक रविंद्र सरोवर में छठ पूजा पर लगाई गई रोक सुनिश्चित होनी चाहिए। इस निर्देशिका में कोलकाता पुलिस को भी रविंद्र सरोवर के गेट पर नोटिस लगाकर व्रतियों का प्रवेश प्रतिबंधित करने को निर्देशित किया गया है।

उक्त अधिकारी ने बताया कि छठ पूजा वाले दिन चौबीसों घंटे कोलकाता पुलिस की टीम रविंद्र सरोवर के आसपास निगरानी रखेगी ताकि कोई यहां छठ पूजा के लिए प्रवेश ना कर सके।

पर्यावरणविद एसएम घोष की याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में रविंद्र सरोवर के आसपास पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध 2017 में ही लगाया है। इसके साथ ही सरोवर के अंदर पूजा पर भी रोक लगाई गई है। कहा गया है कि पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाला तेल, फूल, दूध और अन्य चीजें सरोवर के पानी को प्रदूषित करती हैं। इसके अलावा रात के समय छठ व्रतियों की सुविधाओं के लिए लगाई गई तेज रोशनी वाली लाइट पेड़ों को नुकसान पहुंचाती है।

एनजीटी के निर्देश के बावजूद 2018 में हजारों लोगों ने रविंद्र सरोवर में छठ पूजा की थी लेकिन इस बार प्रशासन ने पहले से ही इस पर रोक लगाने के लिए कमर कस लिया है।

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