सनलाइट, कोलकाता। Lalabagan Nabankur द्वारा इस बार दुर्गोत्सव में पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
Lalabagan Nabankur
कमिटी सदस्य अभिजीत बसाक ने बताया कि यहां 8000 से अधिक पौधों से सजावट की गई है। यहाँ तक की मूर्ति में किए गए रंग भी फूलों से तैयार किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कोई भी ऐसी चीज उपयोग में नही ली गई है जिससे पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचता हो।
उन्होंने बताया कि इन पौधों को साल भर पहले अंकुरित किया गया था। कुछ समय ये नर्सरी में थे फिर इन्हें पूजा क्लब में लाकर रखा गया और देखभाल की गई।
उन्होंने बताया कि काफी संख्या में पेड़ों को काटने पर बाढ़ की स्थिति बन जाती है जो किसी भी प्रदेश अथवा देश में हो सकती है।
इस बात को केंद्र में रखकर पण्डाल के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहना चाहते है कि जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चे को जन्म देने के बाद उसका लालन पोषण करती है उसी प्रकार हमें पौधा लगाने के बाद उसकी देखरेख भी करनी चाहिए।
इस वर्ष पूजा का उद्घाटन दुखु मांझी करेंगे जिन्हे पौधे लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान मिला था। कमिटी अपना 65वां वर्ष मना रही है।