Raj Kapoor centenary – भारतीय सिनेमा के शोमैन, राज कपूर, का आज 100वां जन्मदिन है। यह न केवल भारतीय फ़िल्म उद्योग बल्कि उनके लाखों प्रशंसकों के लिए एक भावुक और गर्व का क्षण है।
Raj Kapoor centenary
राज कपूर, एक ऐसा नाम जिसने अपने अभिनय, निर्देशन और कहानी कहने की कला से भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दी।
उनकी फ़िल्में सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं थीं, बल्कि समाज के संघर्ष और बदलाव को दर्शाने वाले अनमोल रत्न थीं।
राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को पेशावर में हुआ था। भारतीय सिनेमा के महानायक पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर ने बचपन से ही फ़िल्मी दुनिया में कदम रख दिया था।
महज 24 साल की उम्र में उन्होंने आर.के. फ़िल्म्स की स्थापना की और अपने निर्देशन की पहली फ़िल्म “आग” (1948) बनाई। इसके बाद, उनके करियर ने ऊंचाई की ऐसी उड़ान भरी कि वह भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े प्रतीक बन गए।
राज कपूर की फ़िल्मों में आम आदमी की कहानी और उसके सपनों की झलक मिलती है। चाहे “आवारा” (1951) हो, जिसमें उन्होंने एक संघर्षरत युवक की कहानी सुनाई, या “श्री 420” (1955), जहां एक ईमानदार इंसान की नैतिकता की परीक्षा होती है, हर फ़िल्म ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया।
“आवारा हूँ” जैसे गानों ने राज कपूर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। रूस, चीन और मध्य एशिया जैसे देशों में उनकी लोकप्रियता ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध किया।
Raj Kapoor centenary – राज कपूर की फ़िल्मों का संगीत हमेशा उत्कृष्ट रहा। शंकर-जयकिशन, मुकेश, लता मंगेशकर और मन्ना डे जैसे कलाकारों के साथ उनके गाने भारतीय संगीत का पर्याय बन गए।
“मेरा जूता है जापानी”, “प्यार हुआ इकरार हुआ”, और “जीना यहां, मरना यहां” आज भी सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनकी फ़िल्मों में चार्ली चैपलिन का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन उन्होंने इसे भारतीय संवेदनाओं के साथ जोड़ा, जिससे उनके पात्र और कहानियां दर्शकों के दिलों को छू गईं।
सम्मान और विरासत
राज कपूर को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड और कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनकी फ़िल्में समाज को आईना दिखाने वाली और समय से आगे की सोच रखने वाली थीं।
1988 में उनके निधन के बाद भी उनकी विरासत उनके परिवार, उनकी फ़िल्मों और उनके प्रशंसकों के दिलों में जिंदा है। आर.के. स्टूडियो, जो कभी भारतीय सिनेमा का केंद्र था, उनकी सोच और दृष्टि का प्रतीक है।
Raj Kapoor centenary – शोमैन राज कपूर भारतीय सिनेमा के वह सितारे थे, जिन्होंने अपनी मेहनत, जुनून और कला से सपनों को साकार किया। उनके बिना भारतीय सिनेमा की कहानी अधूरी है। उनके 100वें जन्मदिन पर, उन्हें याद करना और उनकी प्रेरणादायक यात्रा को सलाम करना, हर सिनेप्रेमी के लिए गर्व का क्षण है।