Tiger – बीते कल सुंदरवन के मैपीठ में एक बाघ ने वनकर्मी पर हमला बोल दिया था। गंभीर रूप से घायल वनकर्मी का एसएसकेएम अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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हमला करने वाले उस बाघ को रोकने की लड़ाई पूरी रात चलती रही। आखिरकार सुबह बाघ को पिंजरे में बंद कर दिया गया है।
सोमवार को बाघ अचानक जंगल से बाहर आ गया था। एक स्थानीय निवासी ने जैसे ही बाघ देखा वह तुरंत पेड़ पर चढ़ गया।
लेकिन उस बाघ से वन विभाग के कर्मचारी बच नहीं पाए। बाघ ने उसके सिर पर काट लिया। वनकर्मियों ने किसी तरह उसे मुक्त कराया।
उसके बाद बाघ का पता नहीं चल सका। दिन भर वनकर्मी कोशिश करते रहे। रात में वनकर्मियों ने बाघ को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया, जिसमें एक बकरी को चारे के रूप में इस्तेमाल किया गया।
सुबह करीब साढ़े तीन बजे पिंजरे का दरवाजा बंद होने की आवाज सुनाई दी। तभी यह स्पष्ट हो गया कि बाघ पिंजरे में घुस चुका है।
वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ बहुत भूखा था। माना जा रहा है कि यह भोजन की तलाश में इलाके में आया है। वन विभाग की डीएफओ ने बताया कि यह नर बाघ है। इसकी अनुमानित आयु 10 वर्ष है।
वन विभाग ने बाघ के स्वास्थ्य की जांच के लिए पहले ही इंतजाम कर लिए हैं। जांच के बाद बाघ को घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
